Pakistan Flood: पाकिस्तान में बाढ़ से अब तक 1,300 लोगों की मौत, संक्रमण रोगों से बचाव के प्रयास जारी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 04, 2022, 11:14 PM IST

पाकिस्तान में बाढ़ ने लगभग 5,563 किलोमीटर सड़कें और 243 पुल नष्ट कर दिए हैं जबकि 1,468,019 घर आंशिक रूप से या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं इस दौरान 736,459 पशु मारे गए हैं.

डीएनए हिंदी: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में बारिश और जल प्रलय ने जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त कर दिया है. उत्तरी पहाड़ों में रिकॉर्ड मानसूनी बारिश और ग्लेशियरों के पिघलने के कारण आई अभूतपूर्व बाढ़ के कारण अब तक लगभग 1,300 लोग मारे गए हैं. वहीं इससे संक्रमण रोगों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है जिसके चलते अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में डायरिया और मलेरिया जैसी जल जनित बीमारियों के प्रसार को रोकने के प्रयास तेज कर दिए हैं. 

प्रलयकारी बाढ़ ने देश के एक तिहाई हिस्से को जलमग्न कर दिया है. इससे 33 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं और पाकिस्तान की पहले से ही चरमराती अर्थव्यवस्था को 12.5 बिलियन अमरीकी डालर का आर्थिक नुकसान हुआ है.  राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अनुसार पिछले 24 घंटों में कम से कम 26 लोग मारे गए जिससे रविवार को मरने वालों की संख्या 1,290 हो गई जबकि 12,588 अन्य घायल हुए हैं. 

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NDMA ने बाढ़ को लेकर कहा कि सिंध में 492, खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में 286, बलूचिस्तान में 259, पंजाब में 188, कश्मीर में 42, गिलगित-बाल्टिस्तान में 22 और इस्लामाबाद में एक की मौत हुई है.  जानकारी के मुताबिक बाढ़ ने लगभग 5,563 किलोमीटर सड़कें और 243 पुल नष्ट कर दिए हैं जबकि 1,468,019 घर आंशिक रूप से या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए और 736,459 पशुधन मारे गए. 

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सिंध प्रांत के सूचना मंत्री शारजील मेमन के अनुसार अधिकारियों ने सहवान और भान सईदाबाद कस्बों को जलमग्न होने से बचाने के लिए मंचर झील के तटबंध में कटौती की है. उन्होंने कहा कि यह एक कठिन निर्णय था. मंत्री ने कहा कि इस कट से निकलने वाले पानी से पांच यूनियन काउंसिल के करीब 125,000 लोग प्रभावित होंगे. मेमन ने यह भी कहा कि 672,000 से अधिक लोग राहत शिविरों में थे जहां सरकार प्रभावितों को भोजन और दवाएं मुहैया करा रही थी.

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वहीं इस बीच सिंध के स्वास्थ्य मंत्री डॉ अजरा पेचुहो ने बताया कि कम से कम 47,000 गर्भवती महिलाएं प्रांत में आश्रय शिविरों में थीं. उन्होंने बताया कि लगातार संक्रमण से होने वाले रोगों से बचाव के लिए सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं.

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