डीएनए हिंदी: एक तरफ भारत में कहीं लोग कम बारिश से परेशान हैं और कहीं बारिश ने बाढ़ से तबाही मचा दी है. वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान में भी बाढ़ की वजह से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. पाकिस्तान में बाढ़ की वजह से होने वाली मौत का आंकड़ा अब 1,100 के निशान को भी पार कर गया है. लगभग आधा पाकिस्तान इस बेहाल स्थिति में है कि ना खाने को कुछ है औऱ ना ही रहने को जगह. सड़कें और पुल टूट गए हैं. बिजली-पानी व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और अपनों को खोने का गम हर मुश्किल पर भारी पड़ रहा है. इन हालातों पर भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने भी संवेदना जताई है.
पाकिस्तान में बाढ़ से अब तक 1,136 लोगों की मौत
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA)के मुताबिक अब तक मरने वालों की संख्या 1,136 है तो 1,634 लोग बुरी तरह घायल हो चुके हैं. हर 7 में से एक पाकिस्तानी बाढ़ से प्रभावित है. यही नहीं इस दौरान कई एकड़ की फसलें भी बर्बाद हो चुकी हैं. पंजाब के सिंध और पंजाब प्रांतों में गन्ना और कपास की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है. इसके अलावा, प्याज, टमाटर और खरीफ की मिर्च को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है. अकेले कपास की फसलों के नुकसान का अनुमान 2.6 अरब डॉलर आंका गया है. यही नहीं बारिश और बाढ़ से 8,00,000 से अधिक मवेशी भी मारे गए हैं.
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नेशनल एमरजेंसी घोषित
NDMA के मुताबिक पाकिस्तान के बीते 30 सालों का डाटा बताता है कि यहां 134mm बारिश हुई है जबकि इस साल 388.7mm बारिश दर्ज की गई है. यह औसत से 190.07% ज्यादा है.जियो न्यूज के मुताबिक पाकिस्तान के 110 जिले इस समय बाढ़ की चपेट में हैं. सिंध, बलूचिस्तान और ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह में सबसे ज़्यादा हालात ख़राब हैं.
बीते एक दशक में पाकिस्तान में यह सबसे बुरी और खतरनाक प्राकृतिक आपदा है. करोड़ों लोगों की जिंदगी प्रभावित हुई है और अब पाकिस्तान सरकार ने इसे नेशनल एमरजेंसी भी घोषित कर दिया है. इस भीषण मुश्किल समय में पाकिस्तान (Pakistan) ने अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी है. कई देशों की तरफ से मानवीय सहायता दी भी गई है.
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