डीएनए हिंदी: पूरी दुनिया नए साल के स्वागत के लिए तैयार है. लोग छुट्टी और पार्टी के मूड हैं. इस बीच पाकिस्तान के लोगों के लिए नए साल का जश्न पहुंच से दूर हो सकता है. पाकिस्तान की सरकार ने ही कहा है कि देश में नए साल का जश्न नहीं मनाया जाएगा. नए साल के जश्न पर पाकिस्तानी सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है और साफ कहा है कि इन प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. नए साल के जश्न पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान खुद पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने किया है और इसका पालन करवाने के निर्देश भी दिए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रतिबंध फिलिस्तीनी लोगों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए लागू किया गया है. बता दें कि हमास और इजरायल की जंग में मारे जा रहे फिलिस्तीनियों के समर्थन में पाकिस्तान शुरुआत से ही खड़ा है. पाकिस्तान ने आज तक इजरायल को एक देश के तौर पर मान्यता भी नहीं है. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की मौजूदा सरकार ने यह कदम आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए उठाया है.
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चुनावी कदम है यह प्रतिबंध?
अगले साल 8 फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव होने हैं. ऐसे में धर्म के नाम पर वोटों की लामबंदी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. प्रतिबंधों का ऐलान करते हुए अनवारुल हक काकर ने कहा, 'फिलिस्तीन में गंभीर रूप से चिंताजनक स्थिति को ध्यान में रखते हुए और फिलिस्तीनी भाइयों और भहनों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सरकार ने नए साल के किसी भी तरह के जश्न पर प्रतिबंध लगाया है. 7 अक्टूबर को इजरायली बमबारी शुरू होने के बाद से लगभग 9 हजार बच्चों की मौत के साथ इजरायली सेना ने हिंसा और अन्याय की सभी सीमाओं को पार कर दिया है.'
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पाकिस्तान की तरह ही शारजाह ने भी गाजावासियों के प्रति अपनी एकजुटता दिखाने के लिए नए साल की आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया है. बता दें कि जहां पश्चिमी देश इजरायल के समर्थन में खड़े हैं वहीं कुछ अरब देशों और पाकिस्तान जैसे देशों ने खुलकर इजरायल का विरोध किया है.
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