डीएनए हिंदी: पाकिस्तान अपने इतिहास की सबसे बड़ी महंगाई और आर्थिक चुनौतियों (Pakistan Economic Crisis) का सामना कर रहा है. यहां लोगों को सामान्य खाने-पीने की चीजों के लिए भारी कीमत देनी पड़ रही है. देश में स्थिति यहां तक खराब हो गई है कि लोगों को खाने के लाले पड़े हैं और शुद्ध पीने का पानी तक नहीं मिल पा रही है. इसका असर अब पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके (POK) में भी दिख रहा है, जहां बूढ़े से लेकर बच्चे तक भूख से बेहाल हैं और उन्हें संघर्षों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में लोग अब सड़कों पर उतरकर सरकार की लापरवाही के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे हैं.
दरअसल, पीओके के गिलगिट-बाल्टिस्तान में लोग अपनी जरूरत की चीजों की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में तेजी से कम होती हुई नौकरियों और बेरोजगारी को लेकर लोगों में नाराजगी है. पीओके में ये नाराजगी उस वक्त बढ़ गई जब इन विरोध प्रदर्शनों के बीच पीओके के राष्ट्रपति बैरिस्टर सुल्तान महमूद चौधरी दो सप्ताह की यात्रा पर विदेश चले गए और उन्हें जनता की परेशानियों की कोई परवाह नहीं है.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान में लोग गेहूं का आटा, दाल और बिजली की आपूर्ति जैसी मांगों को लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पीओके के लोग तेजी से बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बता दें कि यह विरोध प्रदर्शन ऐसे समय हो रहे हैं जब पाकिस्तान भी आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. बाढ़ और देश के खाद्य संकट से प्रभावित पीओके के नागरिक लंबे समय से सभी स्तरों पर नेतृत्व की विफलता झेल रहे हैं.
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जब लोग परेशान है तो पाकिस्तान के नेता विदेश भाग रहे हैं. पीओके के राष्ट्रपति बैरिस्टर सुल्तान महमूद चौधरी तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और बेल्जियम की दो सप्ताह की यात्रा पर चले गए. यह खबर सामने आते ही लोग गुस्से में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के लिए यह खबर उन्हें आग बबूला कर देने वाली रही. अचानक से हुई उनकी इस यात्रा को लेकर फिलहाल किसी को कोई जानकारी नहीं है लेकिन इस तरह से उनके चले जाने से जनता का गुस्सा केवल तेज हो गया है.
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