Pakistan Politics: पूर्व पीएम Imran Khan को सुप्रीम कोर्ट से झटका, सरकार भी कराएगी देशद्रोह की जांच

कुलदीप पंवार | Updated:Jul 15, 2022, 11:18 PM IST

इमरान खान ने सत्ता से हटाए जाने को विदेशी साजिश बताया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने नहीं माना है. उधर, शहबाज शरीफ की सरकार किसी भी तरह से उन्हें सत्ता में लौटने से रोकना चाहती है.

डीएनए हिंदी: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को दोहरा झटका लगा है. एकतरफ शुक्रवार को  पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सत्ता से हटाने के लिए विदेशी साजिश रचे जाने वाली थ्योरी खारिज कर दी है. वहीं, दूसरी तरफ शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार ने उनके खिलाफ देशद्रोह की कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है. इसके लिए एक कमेटी गठित की गई है. 

संविधान के आर्टिकल-6 के तहत जांच करेगी कमेटी

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान कr सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब (Marriyum Aurangzeb) ने मीडिया को बताया कि कमेटी यह जांच करेगी कि इमरान खान की तरफ से अपनी सरकार को हटाने के लिए विदेशी साजिश रचे जाने के झूठ से पाकिस्तानी संविधान के आर्टिकल-6 का उल्लंघन हुआ है या नहीं. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सभी शीर्ष नेताओं के खिलाफ देशद्रोह की कार्रवाई की जाएगी. पाकिस्तान सरकार ने कमेटी के गठन का फैसला सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान को झटका मिलने के तत्काल बाद लिया. 

यह थी साजिश की पूरी थ्योरी

इमरान खान को पाकिस्तानी संसद में विपक्षी दलों की तरफ से पेश अविश्वास प्रस्ताव के जरिये 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री पद से हटाया गया था, लेकिन उन्होंने इस निर्णय को मानने से इनकार कर दिया था. इमरान ने अपनी सरकार को गिराने के लिए अमेरिका की तरफ से साजिश रचे जाने का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने स्थानीय सहयोगियों की मदद से यह साजिश रची है. इमरान ने इसी आधार पर संसद को निर्णय को खारिज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

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सुप्रीम कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के मामले में सुनाया निर्णय

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपना विस्तृत निर्णय सुनाया. यह निर्णय पाकिस्तानी संसद के तत्कालीन डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी (Qasim Suri) की तरफ से 3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर देने के फैसले से जुड़े केस में दिया गया. सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज करते समय इसे विदेशी मदद से सरकार बदलने की कोशिश बताया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए सूरी के फैसले को अवैध घोषित किया था और प्रस्ताव पर वोटिंग का निर्देश दिया था.

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क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय में

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बांदियाल (Umer Atta Bandial), जस्टिस मियांखैल (Justice Miankhel) और जस्टिस मांडोखैल (Justice Mandokhail) की तीन सदस्यीय पीठ ने अपने अलग-अलग विचार दिए, लेकिन तीनों जज इस पर सहमत थे कि सूरी ने कानूनी नियमों का उल्लंघन किया है. अदालत ने कहा कि इमरान खान और उनके समर्थकों के दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं मिला है. अन्य आरोपों को लेकर भी कोर्ट ने कहा कि सबूत पेश नहीं किए जा सके हैं.

उल्टा इमरान से ही पूछ लिया सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने उल्टा इमरान खान से ही सवाल पूछा कि जब उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf) ने सत्ता में रहते हुए ही अपने खिलाफ चल रही साजिश की जांच क्यों नहीं कराई?

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