डीएनए हिंदी: पाकिस्तान में आर्थिक संकट (Pakistan Economic Crisis) के बीच राजनीतिक अस्थिरता (Pakistan Political Crisis) के हालत भी बनने लगे हैं क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के सुप्रीमो इमरान खान (Imran Khan) लगातार पीएम शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) की सरकार की आलोचना करते हुए मार्च निकाल रहे हैं. उन्हें हाल ही में कुछ हमलावरों ने गोली भी मारी थी जिसमें वे घायल हुए थे. इस पूरे घटनाक्रम के बीच अब इमरान खान ने कहा है कि सभी असेंबलियों से उनकी पार्टी के नेता इस्तीफा देंगे.
पूर्व पीएम इमरान खान ने कहा है कि उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सभी नेता असेंबली से अपना इस्तीफे देंगे. इमरान खान रावलपिंडी में आयोजित की गई रैली के दौरान शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ काफी आक्रामक दिखे. इमरान ख़ान ने कहा, "हमने सभी असेंबली सीटें छोड़ने का फ़ैसला लिया है. जल्द ही हम इसकी तारीख़ का एलान करेंगे."
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डिफाल्टर हो रहा है पाकिस्तान
इमरान ख़ान ने कहा कि "हमें वर्तमान सरकार से चुनाव के लिए कहना पड़ा क्योंकि पूरा देश चुनाव चाहता था. हमें संस्थाओं पर दबाव डालना पड़ा क्योंकि अर्थव्यवस्था ख़राब स्थिति में है और उनके पास कोई समाधान नहीं है. मैं ताक़तवर संस्थानों से कहता हूं कि यह देश डिफॉल्टर होने के क़रीब जा रहा है. जब किसी देश की आर्थिक सुरक्षा में गिरावट आती है तो उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी प्रभाव पड़ता है."
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चुनाव में जीत का दावा
रावलपिंडी में अपनी रैली के दौरान पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने कहा कि अगर चुनाव 9 महीने बाद भी होते हैं तो भी वो ही चुनाव जीतेंगे. उन्होंने केंद्र की शहबाज शरीफ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि वे तानाशाही नहीं चाहते हैं इसलिए लोगों के बीच रावलपिंडी में उपस्थित हो कर अपनी बातें रख रहे हैं. इमरान ने कहा, "मैं इस्लामाबाद से भी आपके बीच ऑनलाइन के ज़रिए उपस्थित हो सकता था लेकिन मैंने अपनी पूरी राजनीति संविधान और क़ानून के दायरे में की है और मैं तानाशाही नहीं चाहता हूं."
इमरान ख़ान की पीटीआई पार्टी फिलहाल पंजाब, ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह, पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर और गिलगित-बाल्तिस्तान में सत्ता में है और वहां लगातार अपनी स्थिति को पहले से और अधिक मजबूत करने की कोशिश कर रही है जिससे अगले चुनावों में उनके लिए स्थिति सहज हो सके.
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आपको बता दें कि पूर्व पीएम इमरान खान पर आजादी मार्च के दौरान हमला भी हुआ था जिसका इल्जाम इमरान ने शहबाज शरीफ सरकार के तीन प्रमुख लोगों पर लगाया था. इसके बाद पाक सरकार ने उनके भाषणों की ब्रॉडकास्टिंग और मीडिया कवरेज पर रोक लगा दी थी. हालांकि इन सबसे इमरान खान की आक्रामकता में कोई कमी नहीं आई है.
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