पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में बढ़ते बिजली के दामों और भारी टैक्स से परेशान लोगों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. जिसमें सीने पर गोली लगने की वजह से दो लोगों की हो गई. जिसमें एक पुलिस अधिकारी भी शामिल है. इस झड़प में करीब 50 लोग घायल हो गए हैं, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारी शामिल हैं.
ANI के अनुसार, क्शन कमेटी ने बढ़ती महंगाई के चलते पीओके में प्रोटेस्ट, लॉन्ग मार्च और चक्का जाम का ऐलान किया था, जो दूसरे दिन हिंसक हो गया. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता अमजद अय्यूब मिर्जा ने बताया कि पाकिस्तानी सुरक्षाबल निहत्थे आम नागरिकों पर गोलियां बरसा रहे हैं. हिंसक झड़प में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई. बताया जाता है कि पीओके के समहनी, सेहंसा, मीरपुर, रावलकोट, खुइरत्ता, तत्तापानी, हट्टियन बाला में विरोध प्रदर्शन हुए.
घरों में रह रहे लोग हुए प्रभावित
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हड़ताल के दौरान प्रदर्शनकारियों की चरफ से पथराव करने के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे घरों और मस्जिदों में रह रहे लोग भी प्रभावित हुए. जेकेजेएसी ने मुजफ्फराबाद और मीरपुर डिवीजनों के विभिन्न हिस्सों में रात भर की छापेमारी में अपने कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया था.
क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग?
जेकेजेएएसी ने पिछले महीने घोषणा की थी कि राज्य भर के लोग 11 मई को मुजफ्फराबाद की ओर मार्च निकालेंगे. पब्लिक एक्शन कमेटी के जुड़े लोग बिजली बिलों पर लगाए गए करों के विरोध और आटे के लगातार बढ़े दामों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. जानकारी के लिए बता दें कि पीओके की सरकार ने एएसी के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सभी जिलों में समारोहों, रैलियों और जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया और पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी. इस बीच यह सामने आया है कि पीओके के मुख्य सचिव ने इस्लामाबाद में आंतरिक प्रभाग के सचिव को पत्र लिखकर 11 मई की हड़ताल के कारण सुरक्षा के लिए 6 नागरिक सशस्त्र बल (सीएएफ) प्लाटून की मांग की थी.
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