डीएनए हिंदी: पाकिस्तान की कंगाली के लिए उसकी सरकार काफी हद तक जिम्मेदार है. बढ़ती महंगाई और देश के खाली होते खजाने ने पाकिस्तान की कमर तोड़कर रख दी है. आलम ये है कि यहां एक लीटर का दाम 120 रुपए के पार हो चुका है तो वहीं घी और चिकन जैसी चीजों के बारे में तो यहां के लोग सोच ही नहीं सकते. 2500 रुपए किलो घी का दाम है तो चिकन 780 रुपए किलो. दिन प्रतिदिन बिगड़ते हालातों के बीच जिस पाकिस्तान सरकार को अपने देश को जनता को राहत देनी चाहिए. वही अब उनकी खून पसीने की कमाई की दुश्मन बन बैठी है.
जनता पर डाला टैक्स का बोझ
खस्ता हाल में जी रहे पाकिस्तान के लोगों पर अब टैक्स का बोझ भी लाद दिया गया है. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से लोन पाने के लिए पाकिस्तान की सरकार ने बढ़े हुए टैक्स के साथ मिनी बजट पेश किया है. जिससे यहां चीजों की कीमतें और भी ज्यादा बढ़ गई हैं. जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, तेल की कीमतों में भारी भरकम वृद्धि की गई है.
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कितने बढ़ाए दाम
पेट्रोल के दाम एक ही रात में 22 रुपए प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं. जिससे यहां पेट्रोल 272 रुपए प्रति लीटर हो गया है. जब कि डीजल 280 रुपए लीटर.केरोसिन ऑयल यानी मिट्टी का तेल भाव तो 202 रुपए प्रति लीटर से भी ज्यादा हो गया है. इसमें 12.90 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. नए दाम बुधवार रात 12 बजे से लागू किए गए हैं. भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम की तुलना में अब पाकिस्तान में कीमतें क्रमश: 176 और 191 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई हैं.
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क्या है एक्सपर्ट्स की राय
एक्सपर्ट्स का कहना है कि आईएमएफ से मदद पाने के चक्कर में पाकिस्तान ने अपने पैर ऐसे समय में कुलहाड़ी मारी है, जब उस हर कदम फूंक फूंककर रखना चाहिए. विशेषज्ञों का मानना है कि मिनी बजट में टेक्स की बढ़ोतरी करने से पाकिस्तान में महंगाई और ऊपर जाएगी. पेट्रोल और तेल की कीमतों के दाम अचानक इतने बढ़ जाने से देश की अर्थव्यवस्था और लाचार होने वाली है.
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