आतंकियों के सामने बेबस पाकिस्तान, TTP ने बढ़ाई टेंशन, क्या कायम होगा तालिबानी राज, समझिए

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 28, 2022, 06:43 AM IST

पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की बढ़ रही है दहशत.

पाकिस्तान, आतंकवादियों के लिए सुरक्षित शरणस्थली रही है. अब पाकिस्तान का यही रवैया, देश की मुश्किलें बढ़ा रहा है.

डीएनए हिंदी: भारत ने अक्सर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के मंच से पाकिस्तान (Pakistan) को आतंकवाद (Terrorism) का रास्ता छोड़ने की सलाह दी है. हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने पाकिस्तान से कहा था कि अगर उसने आतंकवाद का रास्ता नहीं छोड़ा तो वह बर्बाद हो जाएगा. उन्होंने हिलेरी क्लिंटन की इस टिप्पणी का भी जिक्र किया था कि जो लोग अपने आंगन में सांप पालते हैं, वह उन्हें भी काटता है. पाकिस्तान ने भारत की सलाह न मानकर अपने पैर में गोली मार ली. पाकिस्तान के पाले गए आतंकी अब इसी देश के लिए खतरा बन रहे हैं. आंगन का सांप पाकिस्तान का डस रहा है.

पाकिस्तान एक बार फिर आतंकी संगठनों के निशाने पर आ गया है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने पड़ोसी अफगानिस्तान में तालिबान शासन का समर्थन किया है. यह संगठन मांग कर रहा है कि पाकिस्तान में भी तालिबानी राज कायम हो. आतंकियों के लिए जन्नत कहलाने वाले पाकिस्तान की मुसीबतें अब बढ़ गई हैं.

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TTP बढ़ा रहा है सरकार की टेंशन

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और सरकार के बीच शांतिवार्ता जैसे ही खत्म हुई,  TTP ने अपने सभी आतंकवादियों को पाकिस्तान पर हमला करने का निर्देश दिया. हाल ही में टीटीपी के आतंकियों ने पाकिस्तान में कई छोटे-बड़े हमले किए थे. पाकिस्तान इस संगठन की मार से बुरी तरह जूझ रहा है.

पाकिस्तान अपने मौजूदा हालात के लिए खुद जिम्मेदार है. जो देश हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील, सैयद सलाहुद्दीन, मसूद अजहर, अयूब मेमन और अब्दुल रज्जाक जैसे आतंकियों को छिपाकर रखता है, उसका तबाह होना तय ही है. इनके पास आतंक के अलावा भी नहीं है.

क्या चाहता है तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान?

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का मकसद पाकिस्तान में शरिया आधारित सरकार बनाना है. टीटीपी के अफगान तालिबान, अल कायदा, ISIS खोरासन और हक्कानी नेटवर्क जैसे प्रमुख आतंकवादी संगठनों के साथ भी संबंध हैं.

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साल 2014 में जब पाकिस्तानी सेना ने TTP के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया था, तब वह आज के मुकाबले आर्थिक रूप से काफी मजबूत थी लेकिन अब पाकिस्तान के आर्थिक हालात ऐसे नहीं हैं कि वह टीटीपी के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ सके.

क्या पाकिस्तान में भी कायम होगा तालिबानी राज?

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान इस बात से वाकिफ है कि एक कमजोर राष्ट्र के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ने से देश में स्थिति और भी खराब हो जाएगी. अब TTP चुन-चुनकर पाकिस्तान में हमला कर रही है, जिससे वहां अस्थिरता बढ़े. पाकिस्तान की राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य स्थिति बहुत कमजोर है. अब पाकिस्तान अपने ही जाल में उलझकर रह गया है. अगर ऐसा ही रहा तो एक पुराने लोकतंत्र में तालिबानी सरकार चलाएंगे.

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