शहबाज सरकार के समर्थन में आया फैसला, भ्रष्ट नेताओं का साथ क्यों दे रहा है पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट?

Written By सुमित तिवारी | Updated: Sep 06, 2024, 05:37 PM IST

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने शाहबाज सरकार को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार निरोधक कानून में किए गए बदलावों को फिर से लागू कर दिए है. इसके बाद से लगातार इसकी चर्चाएं शुरू हो गई है. दरअसल पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की वजह से प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और उनके बड़े भाई नवाज शरीफ समेत पाकिस्तान के कई राजनेताओं को फायदा होगा.

Pakistani Supreme court: पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने शाहबाज सरकार को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार निरोधक कानून में किए गए बदलावों को फिर से लागू कर दिए है. इसके बाद से लगातार इसकी चर्चाएं शुरू हो गई है. दरअसल पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की वजह से प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और उनके बड़े भाई नवाज शरीफ समेत पाकिस्तान के कई राजनेताओं को फायदा होगा.

बता दें कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली पीठ ने 6 जून के फैसले को सुरक्षित रख लिया था. 5 न्यायाधीशों की इस पीठ ने संघीय सरकार और कई पक्षों द्वारा दायर अंतर-न्यायिक अपीलों (आईसीए) पर सुनवाई की थी.

शहबाज सरकार ने कानून में किया था संशोधन
मई 2023 में तत्कालीन शहबाज शरीफ सरकार ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) के कानून में संशोधन किया था. इसे लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने कड़ी आलोचना की थी. PTI का इस पर आरोप था कि इस संशोधन का उद्देश्य सत्ता पक्ष के नेताओं को भ्रष्टाचार के मामलों से राहत दिलाना था. इसके तहत राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके भाई नवाज शरीफ को विशेष रूप से फायदा पहुंचाने का प्रयास किया गया था.


यह भी पढ़ें: 'PM मोदी किस बात पर मांग रहे माफी, भ्रष्टाचार या RSS...' शिवाजी स्टेच्यू विवाद पर बोले राहुल गांधी 


कानून को दोबारा किया बहाल 
वहीं इमरान खान इस संशोधन के खिलाफ पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और अपील दायर कर दी, जिसका परिणाम यह हुआ कि सितंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने इस संशोधन को असंवैधानिक घोषित कर दिया. हालांकि, हाल के में दिए गए एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने शहबाज सरकार और दूसरे पक्षों की अपील को स्वीकार करते हुए इस संशोधन को दोबारा बहाल कर दिया है. 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुए पेश 
कोर्ट ने अपने फैसले में टिप्पणी भी की कि चीफ जस्टिस या अन्य न्यायधीश संसद के गेटकीपर नहीं हो सकते हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट को जब भी संभव हो संसद द्वारा पारित कानून को मान्यत देनी चाहिए. सुनवाई के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जो विभिन्न मामलों के कारण 1 साल से जेल में हैं, रावलपिंडी के आदियाला जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.