डीएनए हिंदी: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी खराब होती जा रही है जिसके चलते वहां आटे दाल का रेट आसमान छू रहा है. आर्थिक मंदी से गुजर रहे मुल्क में लोगों को छोटी-छोटी चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. ऐसे में आईएमएफ ने अपनी शर्तों में कहा कि पाकिस्तान को अपने यहां चीजों पर टैक्स में इजाफा करना होगा. लेकिन टैक्स की जो कीमत सामने आई हैं उसने सभी को हिलाकर रख दिया है, क्योंकि यह टैक्स करीब 170 बिलियन रुपये तक का है.
क्या चाहता है आईएमएफ?
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान की सरकार को इंटरनेशनल मोनेटरी फंड यानी आईएमएफ की ओर से 1.1 बिलियन डॉलर का लोन मिल सकता था, लेकिन अब यह पैसा लटक सकता है. आईएमएफ की कोशिश यह है कि किसी भी कीमत पर पाकिस्तान अपने यहां चीजों पर टैक्स लगाए. IMF का कहना है कि देश को नए टैक्स लागू करने चाहिए.
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इस मुद्दे पर एक अनुभवी अर्थशास्त्री एहतिशाम-उल-हक ने कहा, "अधिक कर लगाने का मतलब है कि पाकिस्तान में अधिकांश लोगों के लिए मुश्किल वक्त आने वाला है. ये टैक्स उन लोगों के लिए समस्या बन जाएगा जो पहले से ही गरीबी की हालत में जी रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है. पाकिस्तान में पिछले 48 सालों में ये सबसे बड़ा आर्थिक संकट है. देश के पास इंपोर्ट करने के लिए पैसा ना के बारबर रह गया है.
भुखमरी के हालात
पाकिस्तान में पहले ही दूध और आटे को लेकर लगातार संकट की स्थिति बनी हुई है. यहां आटा 120 रुपये किलोग्राम पर मिल रहा है. इसके अलावा दूध 110-160 रुपये लीटर बेचा जा रहा है. वहीं दालें 200 के आंकड़े को छूती दिख रही हैं तो चिकन 780 रुपये किलो, पेट्रोल 300 रुपये लीटर और घी तो 2500 रुपये किलो के भाव पर बेचा जा रहा है. इन बढ़ते दामों से यहां गरीब जनता के लिए भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है.
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पाकिस्तान के वित्त मंत्री भी यह संकेत दे चुके हैं कि आने वाले समय में जल्द ही पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल, गैस और बिजली जैसी चीजों पर भी टैक्स लगाया जा सकता है और सरकार सब्सिडी खत्म करके आईएमएफ की शर्तें मानने पर तैयार हो सकती है. अगर ऐसा होता है खाने-पीने और जीवन चलाने के लिए जरूरी चीजों के दाम और अधिक बढ़ना तय है.
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