पीएम मोदी इन दिनों 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने लाओस के दौरे पर गए हुए हैं. इस सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने पूरी दुनिया को संबोधित करते हुए कहा कि आज का युग युद्ध का नहीं बल्कि शांति का युग है. साथ ही उन्होंने शांति के महत्व को भी समझाया. पीएम मोदी ने आगे इस मंच से कहा कि 'विश्व के सभी संघर्षों का हल युद्ध से नहीं बल्कि संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करके किया जा सकता है.'
ग्लोबल साउथ को लेकर कही ये बात
पीएम मोदी ने युद्ध के असर को लेकर दुनिया को आगाह करते हुए बताया कि 'ग्लोबल साउथ वाले राष्ट्र विश्व के अलग-अलग इलाकों में जारी युद्धों का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव झेल रहे हैं. हर कोई जल्द से जल्द शांति और स्थिरता की बहाली चाहता है, चाहे वह यूरेशिया हो या पश्चिम एशिया.' पीएम मोदी ने कहा कि 'हमारा नजरिया विकासवादी होना चाहिए न कि विस्तारवादी.'
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भारत के रोल और अहमियत को तरजीह
सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी पहले ऐसे नेता हैं जिनकी तरफ से इनकमिग चेयर के साथ ही पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में संबोधन का मौका दिया गया. वो आसियान में भारत के रोल और अहमियत को तरजीह देते हुए अपनी बातों को वहां रख रहे थे. साथ ही पीएम मोदी ने टाइफून यागी के पीड़ितों के लिए भी दुख जाहिर की. इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि 'हमने ऑपरेशन सद्भाव के द्वारा इंसानी सहायता दी गई. उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि दक्षिण चीन सागर के इलाकों में अमन, सुरक्षा और स्थिरता पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के पक्ष में है.
(With IANS Hindi Input)
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