World Governments Summit में PM मोदी ने दिया सरकार चलाने का 'गुरुमंत्र', पढ़ें भाषण की 5 बड़ी बातें

Written By नीलेश मिश्र | Updated: Feb 14, 2024, 04:17 PM IST

PM Narendra Modi

PM Modi in UAE: यूएई के दौरे पर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दुनियाभर को सीख दी कि आखिर सरकार कैसी होनी चाहिए और उसे क्या करना चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात और कतर के दौरे पर हैं. गुरुवार को वह UAE में आयोजित वर्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट में शामिल हुए. इस सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए पीएम मोदी ने अपने 23 साल के सरकार चलाने के अनुभव को बांटा. उन्होंने पूरी दुनिया को गुरुमंत्र देते हुए कहा कि सरकार ऐसी होनी चाहिए जो सबको साथ लेकर चले. PM मोदी ने दुनियाभर की सरकारों के प्रतिनिधियों को सलाह देते हुए कहा कि लोगों की जिंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो, ये सुनिश्चित करना भी सरकार का काम है.

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अपनी यात्रा के दूसरे दिन यहां विश्व सरकार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में पिछले कुछ वर्षों में सरकार पर लोगों का भरोसा बढ़ा है. उन्होंने कहा, "जनता को भारत सरकार की मंशा और प्रतिबद्धता पर भरोसा है. यह केवल इसलिए संभव हुआ क्योंकि हमने जन भावनाओं को प्राथमिकता दी. मोदी ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने सरकार में 23 साल बिताए हैं और उनका सिद्धांत न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' रहा है. 

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PM मोदी के भाषण की 5 बड़ी बातें.

  1. PM मोदी ने कहा, "आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो इन्क्लूसिव हों, जो सबको साथ लेकर चलें. जो स्मार्ट हो, जो टेक्नोलॉजी को बड़े बदलाव का माध्यम बनाए. जो Clean हो, जो करप्शन से दूर हो, जो ट्रांसपेरेंट हो. जो Green हो, जो पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों को लेकर गंभीर हो"
  2. अपना अनुभव साझा करते हुए मोदी ने कहा, "इन 23 वर्षों में सरकार में मेरा सबसे बड़ा सिद्धांत रहा है- मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस. मैंने हमेशा ऐसा माहौल बनाने पर जोर दिया है, जो नागरिकों में एंटरप्राइज और एनर्जी दोनों को और बढ़ाए. हम टॉप डाउन और बॉटम-अप अप्रोच के साथ-साथ Whole Of Society अप्रोच को लेकर भी चले हैं."
  3. दुनिया के सामने आ रही चुनौतियों के बारे में पीएम मोदी ने कहा, "आज हम 21वीं सदी में हैं. एक तरफ दुनिया आधुनिकता की तरफ बढ़ रही है तो पिछली सदी से चले आ रहे चैलेंजेस भी उतने ही व्यापक हो रहे हैं. फूड सिक्योरिटी हो, हेल्थ सिक्योरिटी हो, वाटर सिक्योरिटी हो, एनर्जी सिक्योरिटी हो, एजुकेशन और समाज को इन्क्लूसिव बनाना हो. हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है."
  4. पीएम मोदी के मुताबिक, आज विश्व को आवश्यकता ऐसी सरकारों की है जो ईज ऑफ लिविंग, ईज ऑफ जस्टिस, ईज ऑफ मोबिलिटी, ईज ऑफ इनोवेशन और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को अपनी प्राथमिकता बनाकर चले.
  5. उन्होंने आगे कहा, "सबका साथ-सबका विकास' के मंत्र पर चलते हुए हम लास्ट माइल डिलिवरी और सैचुरेशन की अप्रोच पर बल दे रहे हैं. सैचुरेशन की अप्रोच, यानी सरकार की योजनाओं के लाभ से कोई भी लाभार्थी छूटे नहीं, सरकार खुद उस तक पहुंचे. गवर्नेस के इस मॉडल में भेदभाव और भ्रष्टाचार दोनों की ही गुंजाइश समाप्त हो जाती है."

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मोदी ने कहा कि दुबई वैश्विक अर्थव्यवस्था, वाणिज्य और प्रौद्योगिकी का केंद्र बन रहा है. UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि वह दूरदृष्टि और दृढ़संकल्प वाले नेता हैं.  

विश्व सरकार शिखर सम्मेलन का आयोजन 'भविष्य की सरकारों को आकार देना' विषय के तहत हो रहा है, जिसमें दुनिया भर की सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, विचारकों और निजी क्षेत्र के नेताओं के बीच संवाद शामिल है.

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