China की टेंशन बढ़ाएगी Quad की साझेदारी, ड्रैगन को घेरने के लिए भारत ने बनाया खास प्लान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 27, 2022, 07:44 PM IST

भारत की क्वाड में भूमिका के कारण चीन को दक्षिण एशिया में नई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.

डीएनए हिंदी: कोरोना काल (Covid) के बाद से वैश्विक स्तर पर चीन (China) की दुर्दशा शुरू हो गई थी. वहीं अब भारत ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान समेत कई देशों के साथ युद्धाभ्यास करने का फैसला लिया है. अहम बात यह है कि अब जो युद्धाभ्यास होगा, वह भारत चीन के पास LAC में होगा. भारत की अमेरिका के साथ चीन से सटी वास्तविक सीमा रेखा यानी एलएसी के पास युद्धाभ्यास करने की तैयारी है जो कि चीन के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकती है. 

भारत के जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के साथ गहरे रिश्तों से अकसर चीन की चिढ़न सामने आती रही है. इसीलिए अब क्वाड से भी चीन खिसियाया हुआ है. क्वाड के सदस्य देशों की बात करें तो इसमें अमेरिका, जापान, भारत और आस्ट्रेलिया हैं. ऐसे में भारत के युद्धाभ्यास करने के कदम को चीन के विस्तारवादी रवैये का एक जवाब माना जा रहा है. 

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस वर्ष के अंत तक भारत और जापान की सेनाएं भी युद्धाभ्यास करेंगी. इसमें नेवी भी शामिल होंगी. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के साथ इन्फैन्ट्री एक्सरसाइज भी होनी है जिसमें क्वाड देशों की अहम भूमिका होगी. वहीं तीन अन्य आसियान देशों के साथ भी युद्धाभ्यास की तैयारी की जा रही है, जिससे चीन को भारत दक्षिण एशिया में झटका देने का संकेत दे रहा है. 

युद्धाभ्यास के इस कार्यक्रम के अनुसार सबसे पहले जापान के योकोसुका में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत की सेनाएं युद्ध अभ्यास करेंगी. इस युद्धाभ्यास में वॉरशिप, पनडुब्बी, फाइटर जेट, एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर भी शामिल होंगे जिसकी शुरुआत 8 नवंबर से होगी और अगले 10 दिनों तक यानी 18 नवंबर तक यह चलेगा.

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अहम बात यह है कि इस मालाबार युद्धाभ्यास के जरिए चारों देश चीन को एक बड़ा संदेश दे सकते हैं और चारों देश पहले भी ऐसे कदम उठा चुके हैं. क्वाड देशों ने चीन को स्पष्ट संदेश भी दिया है कि इंडो-पैसिफिक में किसी की भी विस्तारवादी नीति को स्वीकार नहीं किया जाएगा. वहीं अब एक बार फ़िर चीन सीमा पर होने वाला युद्धाभ्यास चीन के लिए एक नया झटका साबित हो सकता है. 

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