British Visa: अगर आप ब्रिटेन में रहकर पढ़ना या जॉब करना चाहते हैं, तो ये खबर आपके लिए है. दरअसल ब्रिटेन सरकार की ओर से भारत के छात्रों को बड़ा झटका लगने वाला है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) की सरकार ने फैसला लिया है कि, ग्रेजुएट वीजा रूट को अब बंद कर दिया जाए. ये फैसला सरकार की माइग्रेशन एडवाइजरी कमेटी ने लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रावधान के लागू होते ही हर साल करीब 91 हजार भारतीय छात्रों को ग्रेजुएशन रूट से वीजा एंट्री नहीं मिल पाएगी. बताया जा रहा है कि अभी हर साल करीब एक लाख 30 हजार भारतीय छात्रों को इसके जरिए एंट्री मिलती है. वहीं कटौती के बाद केवल 39 हजार छात्रों को ही एंट्री मिल पाएगी.
2021 में ग्रेजुएशन वीजा रूट सिस्टम हुआ था लागू
ग्रेजुएशन वीजा रूट सिस्टम 2021 में लागू किया गया था. इस वीजा रूट सिस्टम के तहत भारतीय और अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों को मास्टर्स पढ़ाई पूरे होने के दो साल तक ब्रिटेन में रहने और जॉब करने की इजाजत मिलती है. यूके में जनवरी 2025 में होने वाले आम चुनाव क लिए ये बड़ा मुद्दा भी माना जा रहा है. बता दें कि इस वीजा सिस्टम की मदद से हर साल भारतीय छात्रों में से लगभग 80 प्रतिशत यहां मेडिकल, इंजीनियरिंग और लॉ की पढ़ाई के लिए आते हैं. पढ़ाई के बाद इन्हें एक्सटेंडेंड स्टे के दौरान स्किल्ड वर्कर की सैलरी मिलती है. ब्रिटेन के गृहमंत्री जेम्स क्लैवरली का कहना है कि इस वीजा का इस्तेमाल छात्र इमिग्रेशन पाने के लिए करते हैं.
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फैसले पर विपक्ष की राजनीति शुरू
ब्रिटेन सरकार के इस फैसले पर राजनीति शुरू हो गई है. ग्रेजुएशन वीजा रद्द करने के फैसले के बाद विपक्ष की लेबर पार्टी के अध्यक्ष कीथ स्ट्रेमर का कहना है, कि सरकार का यह फैसला चुनावी साल में भारी पड़ने वाला है. विपक्ष का कहना है कि सरकार के इस फैसले से यहां रहने वाले 25 लाख भारतीय वोटर सरकार के विरोध में खड़े हैं. इसका खामियाजा सरकार को चुनाव के दौरान भुगतना पड़ेगा. छात्रों को ग्रेजुएशन वीजा मिलने से उनका इमिग्रेशन का दावा मजबूत होता है, क्योंकि पढ़ाई के दो साल तक स्टे की छूट मिलने से इन छात्रों को स्किल्ड वर्कर की कैटिगरी मिल जाती है.
जानिए क्या है ग्रेजुएट रूट वीजा?
ग्रेजुएट रूट वीजा के आधार पर ब्रिटेन से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने वाले बाहर के छात्र वहीं काम करने, रहने या काम की तलाश करने के आवेदन कर सकते हैं. ये अंतरराष्ट्रीय छात्र 2 साल तक ब्रिटेन में रहने के लिए आवेदन कर सकते हैं, जबकि पीएचडी करने वाले छात्र 3 साल तक रहने के लिए आवेदन कर सकते हैं. ग्रेजुएट रूट वीजा को जुलाई 2021 में गृहमंत्री प्रीति पटेल ने लागू किया था. 176,000 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को जारी किए गए ग्रेजुएट रूट वीजा में 42 फीसदी भारतीय नागरिक हैं. इस श्रेणी में किसी भी तरह के बदलाव का भारतीय छात्रों पर काफी असर पड़ेगा.
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