डीएनए हिंदी: ब्रिटेन में लिज ट्रस के पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद ऋषि सुनक (Rishi Sunak) देश के पहले हिंदू प्रधानमंत्री बन गए हैं. भारतवंशी होने के चलते यह भारत के लिए एक गौरवान्वित करने वाला क्षण भी है. वहीं सुनक के पीएम बनने के बीच यूक्रेन से युद्ध में जूझ रहे रूस (Russia -Ukraine War) ने भी बयान जारी किया है और ऋषि सुनक के पीएम बनने से ब्रिटेन से रूसी संबंधों को लेकर अहम बात कही है. रूस की प्रतिक्रिया में उदासीनता झलकती है.
दरअसल, ब्रिटेन के नए और पहले भारतवंशी पीएम पदभार संभालते ही एक्शन में आ गए है. उन्होंने वैश्विक स्तर पर ब्रिटेन की नीतियों को लेकर भी नए सिरे से प्रयास शुरू करते हुए यूक्रेन के प्रधानमंत्री वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत भी की. यूक्रेन इस वक्त रूस के भीषण हमलों का सामना कर रहा है.
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ऋषि सुनक के पीएम बनने पर रूस ने बयान जारी कर कहा है कि उनके पीएम बनने से ब्रिटेन और रूस के बीच कूटनीतिक रिश्तों में कोई बदलाव नहीं होने वाला है. रूस ने कहा है कि उन्हें सुनक से कोई खास उम्मीद ही नहीं है. रूस ने सुनक को लेकर कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान रूस को ब्रिटेन के साथ संबंधों में सुधार की उम्मीद करने का कोई कारण नहीं दिखता है. क्रेमलिन के स्पोक्सपर्सन दमित्री पेसकोव ने कहा कि रूस को निकट भविष्य में ब्रिटेन के साथ अधिक रचनात्मक संबंध बनाने के लिए कोई ‘पूर्व शर्त, आधार या आशा’ नहीं दिखती है.
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रूस ने यह बयान असल में बेहद आक्रोश में दिया है क्योंकि ऋषि सुनक ने न सिर्फ यूक्रेन के प्रधानमंत्री से बातचीत की बल्कि यूक्रेन को मदद का भी भरोसा दे दिया है. दूसरी ओर जेलेंस्की ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी हैं. ऋषि सुनक ने भारत समेत दक्षिण एशिया के अन्य देशों से भी यूक्रेन की मदद करने की करने के लिए आगे आने को को को कहा है जिसके चलते रूस फिर ब्रिटेन पर भड़क गया. इसका नतीजा यह है कि रूस यह मानने लगा है कि ऋषि सुनक के आने से ब्रिटेन रूस संबंधों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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