डीएनए हिंदी: इराक के सबसे बड़े जलाशय सूखने के बाद एक शहर के अवशेष मिले हैं. अवशेष बताते हैं कि सभ्यता के निशान बहुत समृद्ध होंगे. खुदाई में मिले अवशेष में कई मंजिलों की इमारतें हैं. अनाज के भंडारण के लिए मकान और संग्रह घर हैं. सबसे खास बात है कि अवशेष में कुछ मटके भी मिले हैं जिनमें लिखे खत पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
मोसुल के जलाशय का पानी सूखने पर मिले अवशेष
गर्म देश इराक में बढ़ते तापमान के कारण मोसुल जलाशय का पानी सूख गया और पानी के नीचे छिपा एक प्रचीन शहर सामने आया है. 3400 साल पुराने शहर से कई अवशेष मिले हैं.
इराक का यह प्राचीन शहर कभी उत्तरी मेसोपोटामिया के एक इंडो-ईरानी साम्राज्य मित्तानी की टिग्रिस नदी पर स्थित था. इराक इस वक्त भयंकर सूखे की चपेट में है जिसकी वजह से देश का सबसे बड़ा जलाशय सूख गया है. कुर्द और जर्मन शोधकर्ताओं की एक टीम ने इस शहर का पता लगाया है.शहर की खुदाई करते वक्त पुरातत्वविदों ने एक महल और कई विशालकाय इमारतों की खोज की है.
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इमारतें और दीवार देखकर शोधकर्ता हैरान
इनमें कई इमारतें कई-कई मंजिलों की है. इन इमारतों की संरचना से ऐसा लग रहा है कि इन्हें अनाज के संग्रह के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इस शहर में दीवारें अच्छी तरह संरक्षित हैं और यह खोजकर्ताओं को भी हैरान करने वाला है.
अभी तक माना जाता था कि 1350 ई.पू. में आए भूकंप में शहर नष्ट हो गया था. इस वजह से यह खोज और भी ज्यादा हैरान करने वाली है. शहर में इमारतों की दीवारें मिट्टी की बनी हैं जो कई साल तक पानी में डूबी होने के बावजूद बेहद अच्छी स्थिति में हैं.
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मिट्टी के लिफाफों में रखे मिले खत
शहर में मिले पांच चीनी मिट्टी के बर्तन सबसे आश्चर्यजनक चीजें हैं जिनमें 100 से अधिक अभिलेखागार मौजूद हैं. शोधकर्ताओं का मानना है कि इनमें कई चिट्ठियां हैं जो अभी भी अपने मिट्टी के लिफाफे के भीतर हैं.
किसी तरह के नुकसान से बचाने के लिए शहर में खोजी गई चीजों को प्लास्टिक शीट से ढक दिया गया है. शोधकर्ताओं की टीम अब इन सभी अवशेषों का अध्ययन करने वाली है.
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