Russia Vs UK On India: 'भारत को लूटकर अमीर बना ब्रिटेन, 16 करोड़ भारतीयों का है हत्यारा', जानिए रूस ने ये क्यों कहा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 17, 2023, 04:00 PM IST

vladimir putin vs rishi sunak (File Photo)

Russia India UK: रूस ने ब्रिटेन के भारत पर कब्जे के दौरान का मुद्दा उठाया है. रूस इस समय ब्रिटेन के यूक्रेन को टैंक देने के कारण नाराज चल रहा है.

डीएनए हिंदी: Britain India Russia- ब्रिटेन के यूक्रेन को टैंक देने की घोषणा के बाद रूस नाराज हो गया है. रूस ने ब्रिटेन पर बयानों से निशाना साधा है. इसके लिए रूस ने भारत पर ब्रिटेन के कब्जे के समय की घटनाओं का सहारा लिया है. रूस ने ब्रिटेन पर कम से कम 16 करोड़ भारतीयों की मौत का कारण बनने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा है कि ब्रिटेन ने औपनिवेशिक काल में अपने शासन के दौरान भारत में जमकर लूट-खसोट की थी. इसी कारण वह अमीर बन पाया है.

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रूसी विदेश मंत्रालय ने लगाए हैं सारे आरोप

रिपब्लिक वर्ल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि साल 1880 से 1920 के बीच ब्रिटेन की औपनिवेशिक नीतियां ऐसी थीं, जिनसे उस समय के भारत को बहुत नुकसा पहुंचा. इस दौरान ब्रिटिश शासन के कारण कम से कम 10 करोड़ भारतीय पीड़ित हुए और 16 करोड़ लोगों की मौत हुई. इस दौरान भारत से ब्रिटेन ने खरबों डॉलर की संपत्ति लूटकर अपने देश पहुंचाई. 

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रिसर्च के हवाले से लगाए गए हैं आरोप

रूसी विदेश मंत्रालय ने सारे आरोप आंकड़ों के साथ लगाए हैं, जो आर्थिक मानवविज्ञानी जेसन हिकेल और डायलन सुलिवन की रिसर्च से लिए गए हैं. इस रिसर्च के हवाले से रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत में 1880 के दशक में प्रति 1,000 लोगों पर महज 37.2 की मौत होती थी, लेकिन ब्रिटिश शासन के दौरान साल 1910 में यह मृत्यु दर बढ़कर 44.2 हो गई. इस दौरान भारतीयों की जीवन प्रत्याशा यानी जीने की औसत उम्र भी 26.7 वर्ष से घटकर 21.9 वर्ष रह गई थी. 

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ब्रिटिश काल को अच्छा बताने वालों की आलोचना की

रूसी विदेश मंत्रालय ने उस ग्रुप की भी जमकर आलोचना की है, जो ब्रिटेन पर भारत को लूटने के आरोप लगने पर सामने आता है. यह ग्रुप उपनिवेश काल को भारत की तरक्की का दौर बताता है और मानता है कि इस दौर ने भारत में सकारात्मक प्रभाव डाला था. आंकड़ों के हवाले से रूसी विदेश मंत्रालय ने इस ग्रुप को भी आइना दिखाया है.  

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दूसरे विश्वयुद्ध में ब्रिटिश पीएम के नस्लवादी कमेंट्स दिलाए याद

रूस ने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान भारतीयों को लेकर तत्कालीन ब्रिटिश पीएम विंस्टन चर्चिल के नस्लवादी कमेंट और भेदभाव भी याद दिलाया. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा, साल 1943 में ब्रिटिश पीएम विंस्टन चर्चिल ने भारत से अनाज ब्रिटेन मंगा लिया था, जिससे अकेले बंगाल में लाखों भारतीय भूखे मर गए. इस दौरान चर्चिल ने कहा था कि भारतीय पशु जैसे हैं, उनका धर्म भी पाशविक है. मुझे भारतीयों से नफरत है. 

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