रूस (Russia) में व्लादीमिर पुतिन (Vladimir Putin) पिछले 24 सालों से सत्ता पर काबिज हैं. उन्हें आज तक कोई नहीं हरा सका है. अब एक बार फिर से रूस में राष्ट्रपति (President) का चुनाव हो रहा है. इस बार भी पुतिन का राष्ट्रपति बनना लगभग तय है. वो फिर से जीतते हैं तो 5वीं बार राष्ट्रपति बनेंने. उनपर आरोप लगाया जाता है कि वो अपने मुकाबले किसी भी नेता को उभरने नहीं देते हैं, और समय-समय पर बड़े विपक्षी नेताओं को किसी न किसी प्रकार से किनारे कर देते हैं. रूस में पुतिन विरोध के मुखर चेहरे रहे एलेक्सी नवेलनी इसके हालिया उदाहरण हैं.
एलेक्सी नवेलनी की मौत या हत्या?
एलेक्सी नवेलनी पुतिन के नीतियों के बड़े आलोचक थे. साथ ही वो रूस में निष्पक्ष चुनाव और पूर्ण लोकतंत्र बहाली के पक्षधर थे. उनके इन लोकतंत्रवादी गतिविधियों की वजह से पुतिन प्रशासन ने उन्हें 19 सालों से जेल में बंद करके रखा था. इस साल फरवरी में जेल के भीतर संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई. उनके समर्थक उनकी मौत के लिए पुतिन प्रशासन को दोषी माना था. एलेक्सी नवेलनी के अलावा भी कई बड़े विपक्षी हैं जो लगातार पुतिन प्रशासन पर टार्गेट करने का आरेप लगा रहे हैं. इनमें बोरिस नादेज्दीन और याकेतेरिना दनत्सोवा जैसे बड़े नाम हैं. खास बात ये है कि इन दोनों का ही नामांकन रद्द कर दिया गया है. वहीं पुतिन के विपक्ष में जिन बड़े नेताओं को चुनाव लड़ने दिया गया है वो निकोलाई खारितोनोव, लियोनिड स्लतस्की, व्लादिस्लाव देवेंकोव जैसे बड़े नाम हैं. इन तीनों को ही पुतिन का समर्थक माना जाता है.
यह भी पढ़ें: इस बार पुतिन क्यों लड़ रहे हैं निर्दलीय चुनाव? अमेरिका पर लगाया ये आरोप
कौन हैं बोरिस नादेज्दीन और याकेतेरिना दनत्सोवा?
बोरिस नादेज्दीन यूक्रेन में शांति के पक्षधर हैं. शांति के पक्ष में उन्होंने एक लाख हस्ताक्षर जुटाए थे. रूसी चुनाव आयोग ने उनकी उम्मीदवारी को खारिज कर दिया है. याकेतेरिना दनत्सोवा ने पुतिन के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. वो रूस की एक मजबूत विपक्षी महिला नेता हैं. रूसी चुनाव आयोग ने उनके दस्तावेजों को अवैध घोषित कर दिया था. इस वजह से वो भी इस बार के रूसी राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं ले रही हैं.
यह भी पढ़ें: US Election: अमेरिका के चुनाव में चीन करा रहा जासूसी? बाइडेन प्रशासन एक्शन की तैयारी में
कौन हैं पुतिन समर्थक खारितोनोव, स्लतस्की और देवेंकोव?
75 साल के निकोलाई खारितोनोव का नाता रूसी कम्युनिस्ट पार्टी से है. वो 2004 में भी पुतिन के खिलफ चुनाव लड़ चुके हैं, उस वक्त उन्हें 14% वोट मिले थे. 56 साल के लियोनिड स्लतस्की की पार्टी का नाम नेशनलिस्ट लिबरल है. उन्हें अमेरिका विरोधी और पुतिन समर्थक माना जाता है. उनपर यौन शोषण के भी आरोप लग चुके हैं. 40 साल के व्लादिस्लाव देवेंकोव का नाता न्यू पीपुल्स पार्टी से है. इनका आम जन मानस में कुछ खास जनाधार नहीं है. इन्हेंने 2020 में अपनी नई पार्टी बनाई है.
यह भी पढ़ें: रूस में हो रहा है राष्ट्रपति चुनाव, जानें क्यों केरल में डाले जा रहे हैं वोट
रूस में मतदान जारी
रूस में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हो रहे हैं. साथ ही वोटों की गिनती भी जारी है. ये मतदान 15-17 मार्च तक होंगे. रूस में पहली बार चुनाव को तीन दिनों के लिए खोल दिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान में हिस्सा ले सकें. लोगों के पास विकल्प रहेगा कि वो जिस दिन चाहें उस दिन जाकर वोट डाल सकेंगे.
DNA हिंदी अब APP में आ चुका है. एप को अपने फोन पर लोड करने के लिए यहां क्लिक करें.
देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.