डीएनए हिंदी: रूस की वैगनर आर्मी ने मॉस्को की ओर जारी अपने मार्च को रोक दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, येवगेनी प्रिगोझिन ने अपने लड़ाकों को आदेश दिया है कि वे पीछे हट जाएं और अपने ठिकानों की ओर लौट जाएं. इससे पहले प्रिगोझिन रूस में तख्तापलट करके नया राष्ट्रपति लाने का ऐलान कर चुके थे. प्रिगोझिन के इस ऐलान के बाद रूस ने भी नरमी दिखाई है. रूस के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा है कि प्रिगोझिन के खिलाफ लगे आरोपों को हटा लिया जाएगा. बगावत करने वाले प्रिगोझिन का कहना है कि वह भयंकर रक्तपात से बचने के लिए यह कदम उठा रहे हैं.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रूस और प्रिगोझिन के बीच बेलारुस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने मध्यस्थगता की. पुतिन की सहमति से ही लुकाशेंको ने प्रिगोझिन से बात की और वह भी शांति कायम करने पर तैयार होगा. प्रिगोझिन ने एक बयान में कहा है, '24 घंटों में हम मॉस्को के 200 किलोमीटर से अंदर पहुंच गए. इस दौरान हमने अपने सैनिकों के खून की एक बूंद नहीं बहने दी. अब वह वक्त आ गया जब खून बह सकता है इसलिए मैंने अपनी सेना को कैंप में वापस चले जाने का आदेश दिया है.'
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क्या-क्या कर चुकी है वैगनर आर्मी?
बगावत के बाद वैनगर आर्मी ने यूक्रेन की सीमा पर रूसी क्षेत्र में बड़ा अभियान चलाया और पश्चिमी रूस के एक शहर वोरोनिश पर कब्जा कर लिया था. इसके अलावा, रोस्तोव-ऑन-डॉन पर भी कब्जा कर लिया. इन्हीं 25 हजार किराए के सैनिकों के भरोसे प्रिगोझिन ने बगावत का ऐलान कर दिया और रूस में तख्तापलट की मंशा जाहिर कर दी. बता दें कि प्रिगोझिन मूल रूप से कारोबारी हैं लेकिन रूस और यूक्रेन के युद्ध के समय से वह सेना बनाकर लड़ रहे हैं.
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राष्ट्रपति पति ने भी चेतावनी दी थी कि अगर प्रिगोझिन बागी हैं तो उनके खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा. बाद में प्रिगोझिन भी अपने बयान से पलटे और कहा कि उनका उद्देश्य तख्तापलट नहीं बल्कि न्याय मार्च निकालना है.
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