डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से खाद्यान्न संकट गहराता दिख रहा है. रूस ने युद्धग्रस्त यूक्रेन के साथ अनाज समझौता खत्म कर दिया है. भारत ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है. हालांकि कुछ शर्तों के साथ चावल दूसरे देशों में भेजने की अनुमति होगी. इन दोनों फैसलों का असर पूरे विश्व पर पड़ सकता है. पूरी दुनिया में खाद्यान्न संकट का खतरा मंडरा सकता है और खाने-पीने की चीज़ों में बेतहाशा कीमत बढ़ सकती है. रूस ने युद्ध के दौरान यूक्रेन को अफ्रीका, एशिया और मध्य पूर्व में अनाज भेजने की अनुमति दी थी लेकिन अब इस पर रोक लगा दी है. विकासशील और अविकसित देश रूस और यूक्रेन से होने वाले खाद्यान्न निर्यात पर काफी हद तक निर्भर रहते हैं.
रूस ने तोड़ा अनाज समझौता
पूरी दुनिया में रूस और यूक्रेन जौ, सूरजमुखी समेत कई और तरह के अनाज के सबसे बड़े निर्यातक हैं. अब रूस के अचानक से अनाज समझौते से बाहर आने के बाद एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीकी देशों के लिए खाद्यान्न संकट गहराता जा रहा है. इसके अलावा, बाकी दुनिया में भी खाद्यान्न की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है. कोविड के बाद से जरूरी चीजों की कीमतें बेतहाशा ढंग से बढ़ गई है और अनाज समझौता खत्म होने की वजह से मुश्किल और भी बढ़ सकती है.
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रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने सौदे पर रोक लगाने का ऐलान कर दिया है. हालांकि रूस की ओर से यह भी कहा गया है कि अपनी मांगें पूरी हो जाने के बाद हम इस सौदे पर से रोक हटाएंगे. रूस और यूक्रेन युद्ध को चलते हुए लगभग डेढ़ साल का वक्त होने जा रहा है. रूस ने इस बीच यूक्रेन के कुछ बंदरगाहों पर फिर से हमला किया है और धमकी भरे संदेश जारी किए हैं.
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भारत ने चावल निर्यात बंद किया
भारत ने भी गैर सफेद बासमती चावल का निर्यात बंद कर दिया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि गैर-बासमती (अर्ध मिल्ड या पूरी तरह पॉलिश) को निर्यात नीति से मुक्त की जगह पर प्रतिबंधित किया जा रहा है. हालांकि इसमें कहा गया है कि इस चावल की खेप को कुछ शर्तों के साथ निर्यात किया जा सकता है. भारत के चावल निर्यात बंद करने और रूस के अनाज समझौता खत्म करने पर अनाज संकट गहरा सकता है. अमेरिका ने भी रूस के अनाज समझौते को खत्म करने पर कहा है कि यह मुश्किल मसला है और इस पर हमें गंभीरता से काम करना होगा क्योंकि यह खाद्यान्न संकट को पूरी दुनिया में बढ़ा सकता है.
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