डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Ukraine Russia War) के चलते दुनिया के सामने खाद्यान्न संकट (Food Crisis) पैदा हो गया है. इसी बीच अमेरिका ने आरोप लगाए हैं कि रूस ने यूक्रेन से पांच लाख टन गेहूं चुरा लिया. अमेरिका के मुताबिक, रूस यही गेहूं अब अफ्रीकी देशों को बेच रहा है. बाजार में इतने गेहूं की कीमत लगभग 778 करोड़ रुपये है.
रूस पर आरोप लग रहे हैं कि यूक्रेन गए उसके ट्रकों में लौटते समय गेहूं लाद लिया गया. रूस ने यूक्रेन से गेहूं लूटा और उसे क्रीमिया भिजवा दिया. अब यही गेहूं अकाल से जूझ रहे अफ्रीकी देशों को बेचा जा रहा है. अमेरिका ने दुनिया को चेताया है कि रूस युद्ध से पैदा हुई परिस्थितियों का फायदा उठा रहा है.
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अमेरिका का मानना है कि शक्तिशाली पश्चिमी देशों और रूस के बीच फंसे अफ्रीकी देश इस मामले में विरोध जताने में सक्षम नहीं हैं. इनमें से कई देश रूस से मिलने वाले हथियारों और अन्य ज़रूरतों पर निर्भर हैं. हाल ही में अफ्रीकी यूनियन के चीफ मेकी साल ने व्लादिमीर पुतिन से मिलकर खाद और अनाज उपलब्ध कराने की मांग की थी.
गेहूं के लिए रूस और यूक्रेन पर निर्भर हैं अफ्रीकी देश
अफ्रीकी देशों की कुल ज़रूरत का लगभग 40 फीसदी गेहूं रूस और यूक्रेन से ही आता है. इस साल दुनियाभर में गेहूं की कीमतों में 23 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है. संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के मुताबिक, पिछले साल सूखे के कारण अफ्रीका के 1.7 करोड़ लोगों के सामने भूख का संकट है.
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लंबे समय से यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध की वजह से दुनियाभर में महंगाई बढ़ती जा रही है. खुद रूस और यूक्रेन को भी खाने-पीने की कई चीजों के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है. दूसरी तरफ, पश्चिमी देश लगातार यूक्रेन को मदद कर रहे हैं. अमेरिका ने भी ऐलान किया है कि वह यूक्रेन को हथियार और ज़रूरी चीजों की सप्लाई करता रहेगा.
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