डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन दोनों ही देश अनाज के बड़े उत्पादक और निर्यातक हैं. दोनों देशों के बीच युद्ध (Russia Ukraine War) की वजह से अनाज का निर्यात प्रभावित हुआ था. बाद में तुर्की और संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की मध्यस्थता के चलते अनाज की सप्लाई के लिए दोनों देशों में समझौता हुआ. अब रूस ने ऐलान किया है कि वह इस समझौते को खत्म कर रहा है. रूस ने कहा है कि क्रीमिया में यूक्रेन की ओर से किए ड्रोन हमलों के बाद यह फैसला लिया गया है. हालांकि, यूक्रेन ने ऐसे किसी भी हमले से इनकार किया है.
रूस ने शनिवार को कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से हुए अनाज निर्यात समझौते को तत्काल निलंबित करेगा. इसी समझौते के चलते यूक्रेन से नौ करोड़ टन से ज्यादा अनाज का निर्यात हुआ था. अनाज का निर्यात होने की वजह से वैश्विक स्तर पर अनाज और खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आई थी. रूस ने आरोप लगाए हैं कि काला सागर में क्रीमिया के पास रूस के जहाजों पर यूक्रेन ने ड्रोन से हमला किया. रूस ने कहा है कि यह सरासर समझौते का उल्लंघन है इसलिए वह भी अब इसे खत्म कर रहा है.
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'युद्ध में भोजन को हथियार बना रहा है रूस'
इस बीच, वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अनाज निर्यात समझौते का निलंबन खेदजनक है. उन्होंने सभी पक्षों से इस बेहद ज़रूरी और जीवन रक्षक पहल को बरकरार रखने का आग्रह किया. ब्लिंकन ने शनिवार रात एक बयान में कहा, 'इस समझौते को निलंबित करके रूस फिर से युद्ध में भोजन को हथियार बना रहा है. निम्न और मध्यम आय वाले देशों और वैश्विक खाद्य कीमतों को प्रभावित कर रहा है और पहले से ही व्याप्त गंभीर मानवीय संकट और खाद्य असुरक्षा को बढ़ा रहा है.'
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रूस ने अनाज निर्यात समझौते के निलंबन की घोषणा संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस द्वारा रूस और यूक्रेन से समझौते को रिन्यू करने का आग्रह करने के एक दिन बाद की है. गुतारेस ने अन्य देशों, मुख्य रूप से पश्चिमी देशों से रूस के अनाज और उर्वरक निर्यात को रोकने वाली बाधाओं को दूर करने में तेजी लाने का आग्रह किया था. यह समझौता 19 नवंबर को समाप्त हो रहा है.
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