Ukraine War: जंग के 8 महीने बाद भी यूक्रेन ने नहीं टेके घुटने, हारने लगी रूसी सेना, तबाही मचाने पर क्यों तुले हैं पुतिन?

| Updated: Oct 14, 2022, 10:00 PM IST

यूक्रेन में लगातार बमबारी ने बढ़ाई मुश्किलें.

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग एक अंतहीन रास्ते की ओर चल पड़ी है. इस जंग में यूक्रेन तो तबाह हो रहा है लेकिन जीत रूस को भी नहीं मिल रही है.

डीएनए हिंदी: रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच जारी जंग अब तबाही की ओर बढ़ चली है. रूसी सैनिकों के टूटते मनोबल से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इतने परेशान हैं कि यूक्रेन के शहरों पर एक के बाद एक कई मिसाइल हमले कर रहे हैं. इन हमलों में आम नागरिकों की मौत हो रही है. पुतिन के इरादे से यह साफ जाहिर हो रहा है कि जंग जीत के लिए नहीं, सिर्फ यूक्रेन की बर्बादी के लिए लड़ी जा रही है, जिसमें व्लादिमीर पुतिन कामयाब हो रहे हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेंलेंस्की, हमला नहीं, बचाव करने की पहल में अपने नागरिकों का कत्ल-ए-आम होते देख रहे हैं.

व्लादिमीर पुतिन के तेवर ऐसे हैं कि अब यूक्रेन को पूरी तरह से तबाह कर देना है. ऐसा करना व्लादिमीर पुतिन की रणनीतिक मजबूरी हो गई है. लगातार 8 महीने तक चले युद्ध के बाद अब रूसी सैनिक थकने लगे हैं और वापस लौटना चाहते हैं. यही वजह है कि पुतिन ने यूक्रेन पर हवाई हमले बढ़ा दिए हैं, जिससे कम मेहनत में बड़ी तबाही हो और लोग मारे जाएं. पुतिन के बौखलाहट की एक वजह भी है.

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टूटने लगा है रूसी सैनिकों का हौसला

बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें रूसी सैनिक, यूक्रेनी सैनिकों के सरेंडर करते नजर आ रहे हैं. यूक्रेन के कई इलाकों में जहां उनकी सेनाएं हावी हैं, रूसी पैदल सेना का यही हाल है. खेरसॉन के ओब्लास्ट इलाके से भी ऐसी ही खबरें सामने आई थीं.  
 


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ब्लिट्जक्रेग के कुछ हिस्सों से भी ऐसी ही तस्वीरें सामने आई हैं. लगातार 8 महीने से जारी जंग ने रूसी सेना का मनोबल तोड़ दिया है. यही वजह है कि व्लादिमीर पुतिन अब चाहते हैं कि जल्द से जल्द जंग खत्म हो जाए और वोलोदिमीर ज़ेंलेंस्की हार मान लें. व्लादिमीर पुतिन को इस भयावह जंग पर जरा भी पछतावा नहीं है.

किन जगहों पर रूस को मिलने लगा है कड़ा मोर्चा?

यूक्रेनी सेना को दक्षिणी मोर्चे पर मिल रही बढ़त से रूस की चिंता बढ़ गई है. खेरसॉन से लोगों को रूस निकालना चाहता है. खेरसॉन यूक्रेन के उन चार क्षेत्रों में से एक है जिन पर रूस ने पिछले महीने अवैध रूप से कब्जा जमा लिया था. खेरसॉन क्षेत्र के प्रमुख शहर नोवा काखोव्का, होला प्रिस्तान और चोर्नोबेव्का में रोज मिसाइल हमले हो रहे हैं. ये हमले यूक्रेन की ओर से किए जा रहे हैं. ये वही इलाके हैं जहां की एक बड़ी आबादी रूस के साथ है.



यूक्रेनी सेना के जवाब में रूस भी इसी भाषा में जवाब दे रहा है. रूस ने यूक्रेन के अहम प्रतिष्ठानों पर अपने हमले शुक्रवार को भी जारी रखे. जपोरिज्जिया क्षेत्र की राजधानी रातभर रूस के मिसाइल हमलों से दहल उठी. ऐसा लग रहा है कि अब पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन पूरी तरह से तबाह हो जाए.

किन इलाकों में दोबारा कब्जा जमा रहा है यूक्रेन?

यूक्रेन ने दक्षिणी खेरसॉन में पांच बस्तियों को रूसी कब्जे से छीनकर अपने नियंत्रण में ले लिया है.  नोवोवासिलिव्का, नोवोहरीहोरिवका, नोवा कामियांका, त्रिफोनिव्का और चेर्वोन पर यूक्रेन ने दोबारा कब्जा जमा लिया है. बौखाए रूस ने इन्हीं इलाकों में भीषण मिसाइल अटैक किया है. यूक्रेन के करीब 30 फीसदी एनर्जी प्लांट तक इन हमलों में बाधित हो गए हैं. 

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क्यों भीषण तबाही मचाना चाह रहा है रूस?

रूस ने खारकिव, कीव, खमेलनित्सकी, लवीव, निप्रो, विन्नित्सिया, जापोरिज्जिया, सुमी, खार्किव क्षेत्र, ज़ाइटॉमिर समेत कई शहरों पर भीषण बमबारी की है. इन इलाकों में जरूरी सेवाएं बाधित हो गई हैं. भवन जर्जर हो गए हैं और लोगों का रहना मुहाल हो गया है. ऐसा लग रहा है कि एक बार फिर यूक्रेन बर्बादी की कगार पर खड़ा है और व्लादिमीर पुतिन अपनी सनक में सब तबाह कर देना चाहते हैं.

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