Russia Ukraine War: यूक्रेन में भारतीय हथियार पहुंचने से नाराज हुए Putin, भारत बोला- झूठी है रिपोर्ट

| Updated: Sep 19, 2024, 08:41 PM IST

Russia Ukraine War: एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि यूक्रेन में भारतीय हथियार मिलने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन बेहद नाराज हैं. यह भी दावा किया गया है कि इस मामले को लेकर रूस 2 बार भारत से इसके लिए अपना विरोध जता चुका है.

Russia Ukraine War: यूक्रेन और रूस के बीच करीब तीन साल से चल रही लड़ाई का अंत होता नहीं दिख रहा है. दोनों ही देश रोजाना एक-दूसरे पर भारी पड़ने का दावा कर रहे हैं. ऐसे में यूक्रेन को भारतीय हथियारों की सप्लाई मिल रही है. एक मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि यूक्रेन में भारतीय हथियारों के मिलने पर रूस नाराज हो गया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूरोपीय देशों ने भारतीय हथियार निर्माताओं से तोप के गोले खरीदकर यूक्रेन को सप्लाई कर दिए हैं. इसे लेकर रूस दो बार विरोध जता चुका है, लेकिन भारत की तरफ से अब तक इस पर रोक लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. इसके चलते रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन बेहद नाराज हैं. हालांकि इस मीडिया रिपोर्ट को लेकर भारत की सफाई भी सामने आ गई है. भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस मीडिया रिपोर्ट को भ्रामक और झूठी बताया है.

क्या कहा है भारत ने मीडिया रिपोर्ट देखकर

विदेश मंत्रालय ने बयान में इस मीडिया रिपोर्ट को भ्रामक और झूठी बताते हुए खारिज किया है. मंत्रालय ने कहा,'मिलिट्री एक्सपोर्ट के मामले में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने में भारत का अभूतपूर्व रिकॉर्ड रहा है. हमनें रिपोर्ट को देखा है. यह भ्रामक और झूठी है. यह भारत पर उन उल्लंघनों का आरोप लगा रही है, जबकि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है. यह गलत रिपोर्ट है. मंत्रालय ने कहा, 'भारत अपना डिफेंस एक्सपोर्ट को परमाणु अप्रसार से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को ध्यान में रखकर करता है. साथ ही भारत का खुद का मजबूत कानूनी व नियामक ढांचा भी इस पर कंट्रोल करता है, जिसमें हथियारों को इस्तेमाल करने वाले के दायित्वों व प्रमाणन का समग्र मूल्यांकन शामिल है.'

रिपोर्ट में किया गया था दावा, जयशंकर से भी जताई गई नाराजगी

Reuters ने अपनी रिपोर्ट में यूक्रेन में भारतीय हथियार मिलने से रूस की नाराजगी का दावा किया है. रिपोर्ट में तीन भारतीय शीर्ष अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि क्रेमलिन (रूस का सत्ता केंद्र) ने इस मुद्दे को कम से कम दो बार उठाया है. इस मामले को जुलाई में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर के सामने भी उठाया था.  इस मीटिंग में जयशंकर के तरफ इस पूरे मामले पर क्या कहा गया था, इसकी जानकारी सार्वजनिक रूप से जारी नहीं की गई है. हालांकि, बाद में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मुद्दे पर कहा था कि भारत द्वारा यूक्रेन को कोई गोला-बारूद नहीं भेजा जा रहा है.

एक साल से चल रहा हथियारों का ट्रांसफर

सूत्रों के अनुसार, कस्टम डेटा के हिसाब से रूस के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा के लिए गोला बारूद का ट्रांसफर एक साल से ज्यादा समय से जारी है. भारतीय हथियार निर्यात नियमों के अनुसार, हथियारों का उपयोग केवल उसी खरीदार द्वारा किया जा सकता है, जिसे पहले से घोषित किया गया हो. मिली जानकारी के अनुसार, बिना अनुमति के ट्रांसफर होने पर भविष्य की बिक्री रद्द की जा सकती है.

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इन देशों के जरिये भेजे जा रहे हैं हथियार 

आपको बता दें कि भारत से यूक्रेन को गोला-बारूद भेजने वाले यूरोपीय देशों में इटली और चेक गणराज्य शामिल हैं. इसकी  जानकारी एक स्पेनिश और एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने दी है. भारतीय सरकार के दो और रक्षा उद्योग के दो सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि दिल्ली द्वारा निर्मित गोला-बारूद की मात्रा बहुत ही कम है, जिसका उपयोग यूक्रेन कर रहा है. हालाकी समाचार एजेंसी यह पता नहीं लगा पाई है  कि ये गोला-बारूद यूरोपीय ग्राहकों द्वारा फिर से बेचे गए थे या यूक्रेन को दान किए गए थे. ये पूरी जानकारी रॉयटर्स द्वारा वाणिज्यिक कस्टम डेटा के विश्लेषण और ग्यारह भारतीय और यूरोपीय अधिकारियों से प्राप्त हुई है.

क्या है भारत की रक्षा निर्यात नीति

हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया था  कि पिछले वित्त वर्ष में कुल रक्षा निर्यात 2.5 अरब डॉलर के पार पहुँच गया था और उनका लक्ष्य इसे 2029 तक 6 अरब डॉलर तक बढ़ाना है.इस पूरे मामले पर  एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि दिल्ली स्थिति पर नजर रखे हुए है. हालांकि एक रक्षा उद्योग के अधिकारी ने कहा कि भारत ने यूरोप को आपूर्ति बंद करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. रॉयटर्स द्वारा किए गए इस इंटरव्यूमें  अधिकांश लोगों ने इस मामले की संवेदनशीलता के कारण नाम न बताने की शर्त पर बात की थी.  

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