रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से लगातार युद्ध चल रहा है. दोनों देशों के हजारों लोग मारे जा चुके हैं और अरबों की संपत्ति का नुकसान हुआ है. तमाम कोशिशों के बावजूद इस युद्ध पर अभी तक विराम नहीं लग सका है. इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच संभावित शांति वार्ता कराने में भारत, चीन और ब्राजील मध्यस्त की अहम भूमिका निभा सकते हैं.
पुतिन का यह बयान ऐसे समय आया जब दोनों देशों के बीच युद्ध गहराता जा रहा है. हाल ही में रूसी सेना ने यूक्रेन के पोल्टवा में एक मिलिट्री इंस्टूट्यूट पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं. इस हमले में 51 से ज्यादा लोग मारे गए. यूक्रेन पर इस साल का यह सबसे बड़ा हमला था. इससे पहले यूक्रेन ने रूस पर 158 ड्रोन हमला करते हुए मॉस्को के पास एक तेल रिफाइनरी, बिजली स्टेशन को निशाना बनाया था.
पुतिन का क्या है मकसद?
व्लादिमीर पुतिन ने शांति समझौता की इच्छा के साथ यूक्रेन पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र (Donbas) को कब्जे में लेना है. रूसी सेना धीरे-धारी यूक्रेनी सेना को खदेड़ती हुई आगे बढ़ रही है. पुतिन ने कहा कि पश्चिमी रूस के कुर्स्क (Kursk) में यूक्रेनी सेना की घुसपैठ नहीं होती तो रूस की सेना अब तक डोनबास पर कब्जा जमा चुकी होती.
युद्ध पर क्या बोला अमेरिका?
अमेरिका का भी इस मामले में बयान आया है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा है कि अमेरिका ऐसे किसी भी देश का स्वागत करता है जो यूक्रेन में जंग को समाप्त करने में मदद करने का प्रयास करना चाहता है. पीएम मोदी ने हाल में रूस की यात्रा के बाद यूक्रेन की यात्रा की थी. इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मोदी से फोन पर बात की.
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जॉन क्रिबी से जब पूछा गया कि क्या भारत युद्ध को समाप्त करने में भूमिका निभा सकता है. इसपर जवाब दिया ऐसा कोई भी देश जो इस युद्ध को समाप्त करने में मदद करने के लिए तैयार है और राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के विशेषाधिकारों, यूक्रेनी लोगों के विशेषाधिकारों, न्यायपूर्ण शांति स्थापना की उनकी योजना को ध्यान में रखते हुए ऐसा करता है, हम उसकी भूमिका का निश्चित ही स्वागत करेंगे.’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि भारत शांति कायम करने में भूमिका निभा सकता है. व्हाइट हाउस’ के अधिकारी ने कहा, ‘हम निश्चित रूप से ऐसी उम्मीद करते हैं. बाइडेन ने फोन पर बातचीत के दौरान मोदी की पोलैंड और यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्राओं के लिए उनकी सराहना की, जो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी.
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