डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच वॉर क्राइम (War Crime) की खबरें लगातार बढ़ती जा रही हैं. पहले इजियम की सामूहिक कब्रगाहें (Mass Graveyards Izyum) सामने आईं जहां सैकड़ों लोगों के शव मिले. अब एक रिपोर्ट में सामने आया है कि यूक्रेन के इलाकों में घुसे रूसी सैनिकों (Russian Army) ने 4 साल की बच्चियों से लेकर 82 साल की महिलाओं तक के साथ यौन हिंसा की. इसके अलावा, यूक्रेन के नागरिकों को कैद में रखकर पीटने, टॉर्चर करने और बिजली के झटके देने जैसे मामले भी सामने आ रहे हैं. युद्ध अपराधों की जांच के लिए बनाए गए आयोग ने लोगों से बातचीत के आधार पर यह रिपोर्ट दी है.
संयुक्त राष्ट्र की ओर से बनाए गए अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग की टीम उन इलाकों में पहुंची है जहां रूस ने कब्जा किया था. यहां के नागरिकों ने गंभीर अत्याचार के आरोप लगाए हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने आबादी वाले इलाकों पर बमबारी की. इसके अलावा, लोगों को जिंदा लटका देने, मारपीट करने और यौन हिंसा करने की बातें भी सामने आ रही हैं. तीन सदस्यों वाले इस जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को सौंप दी है.
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जांच आयोग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
इस टीम ने उन जगहों का दौरा किया जहां लोगों को गिरफ्तार करके रखा गया था. इसके अलावा, 27 कस्बों के साथ-साथ कब्रगाहों और यातना केंद्रों की भी हकीकत खंगाली. इस टीम ने सैकड़ों पीड़ितों और गवाहों से भी बातचीत की. साथ ही, सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों की भी राय जानी गई है. रिपोर्ट में सामने आया है कि रूसी सैनिकों ने युद्ध के दौरान ही 4 साल की बच्चियों तक को नहीं छोड़ा. 82 वर्ष की महिलाओं से भी यौन हिंसा की गई.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी सैनिकों ने परिवार से सामने ही महिलाओं से बलात्कार किया. इसके अलावा, कैद में रखे लोगों को मारने-पीटने, बिजली के झटके देने और तरह-तरह से टॉर्चर किए जाने की बातें भी कही गई हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूस की सेना ने नागरिकों और सैनिकों में फर्क किए बिना ही हमले कर दिए और लोगों की जान ले ली.
खाली हुए शहरों में मिले हजारों शव
आपको बता दें कि जिन इलाकों से रूसी सेनाएं लौट गई हैं वहां सैकड़ों की संख्या में शव पाए जा रहे हैं. कीव शहर में 900 लाशें, बुचा में 67, चेर्नीहीव में 40 से ज्यादा और इजियम में 500 के आसपास लाशें पाई गई हैं. इसके अलावा, मारियुपोल और ओडेशा में भी दर्जनों नागरिकों के शव बरामद हुए हैं जिन पर चाकू से मारने, रस्सी बांधने और तमाम तरह की यातनाओं के निशान देखे जा सकते हैं.
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इन आरोपों पर जवाब देने के लिए जब रूस को बुलाया गया तो उसका कोई प्रतिनिधि यूएन काउंसिल की बैठक में पेश ही नहीं हुआ. रूस ने इस तरह के सभी आरोपों से इनकार किया है. आपको बताते चलें कि रूस ने एक बार फिर से अपनी सेना बढ़ानी शुरू कर दी है और यूक्रेन के कई इलाकों में हमले तेज कर दिए हैं.
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