Russia-Ukraine युद्ध के खिलाफ रूसी नागरिकों का प्रदर्शन, व्लादिमीर पुतिन ने बुला लिए और सैनिक

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 22, 2022, 05:13 PM IST

रूसी नागरिकों ने युद्ध के खिलाफ शुरू किया प्रदर्शन

Russia Ukraine War Update: पिछले 7 महीने से जारी युद्ध से आजिज आकर रूसी नागरिकों ने अपने ही देश की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन के युद्ध (Ukraine Russia War) से अब रूसी नागरिक ही तंग आ चुके हैं. आम नागरिकों ने युद्ध के विरोध में आंदोलन शुरू कर दिया है. यह सब देखते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर रूसी प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों का दमन शुरू कर दिया है. इसके अलावा, युद्ध क्षेत्र में और सैनिकों को भेजा गया है. रूस ने हमले तेज कर दिए हैं. इससे पहले व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) परमाणु हमलों की धमकी भी दे चुके हैं. व्लादिमीर पुतिन ने साफ कहा है कि अपने नागरिकों की रक्षा के लिए रूस उन सभी हथियारों का इस्तेमाल करेगा जो उसके पास मौजूद हैं.

व्लादिमीर पुतिन ने कहा है, 'जब हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता को खतरा होता है तो हम रूस और अपने लोगों की रक्षा के लिए हमारे पास उपलब्ध सभी साधनों का उपयोग करेंगे - यह कोई झांसा नहीं है.' इसके अलावा, रूस ने सैनिकों की संख्या भी तेजी से बढ़ाई है. 20 सितंबर को यूक्रेन के उन क्षेत्रों में जनमत संग्रह की घोषणा के बाद यह फैसला लिया गया है, जिनपर वर्तमान में रूस का कब्जा है. यह यूक्रेन में तेजी से बढ़ रही विकट स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता खोजने के लिए रूसी राष्ट्रपति का ताजा दांव माना जा रहा है.

यह भी पढ़ें- Ukraine War: रूस से बाहर नहीं जा पाएंगे 18 से 65 साल के पुरुष, जानिए इसका कारण 

पुतिन बोले- यूक्रेन में शांति नहीं चाहते पश्चिम के देश
रूस के राष्ट्रपति पुतिन सुबह 9 बजे (मास्को समय) टेलीविजन पर रूसी लोगों से बात कर रहे थे, जिसमें जोर देकर कहा गया कि इसके 20 लाख मजबूत सैन्य बलों की आंशिक सैन्य लामबंदी रूस और उसके क्षेत्रों की रक्षा के लिए थी. उन्होंने कहा कि पश्चिम के देश यूक्रेन में शांति नहीं चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन, लंदन और ब्रसेल्स हमारे देश को लूटने के उद्देश्य से कीव को हमारे क्षेत्र में सैन्य अभियानों को भेजने करने के लिए प्रेरित कर रहे थे.

यह भी पढ़ें- Britain में हिंदू मंदिरों पर हमले से भारत चिंतित, जयशंकर ने UN में ब्रिटिश मंत्री को चेताया 

दरअसल, अब व्लादिमीर पुतिन पर सवाल उठने लगने हैं कि जितने कदम उन्होंने उठाए हैं उससे वह आखिर क्या हासिल कर पाएंगे? अब तक वह अपने अधिकांश पत्ते खेल चुके हैं और अभी भी जीत नहीं रहे हैं. पश्चिम के खिलाफ एनर्जी ब्लैकमेल भी नाटो और यूरोपीय संघ के सदस्यों और उनके सहयोगियों के संयुक्त मोर्चे को तोड़ नहीं पाया है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.