रूस के व्लादिमीर पुतिन राजकीय यात्रा पर वियतनाम पहुंचे, क्या नए शीत युद्ध की तरफ जा रहा विश्व

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: Jun 20, 2024, 03:47 PM IST

Putin Order For Army Critics

व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) उत्तर कोरिया (North Korea) से यहां पहुंचे. पुतिन और उत्तर कोरिया (North Korea) के नेता किम जोंग उन ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत युद्ध की स्थिति में दोनों देशों ने एक-दूसरे की बिना किसी देर के मदद का संकल्प लिया है.

यूक्रेन  (Ukraine) में सैन्य कार्रवाई के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ चुके रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) अपने बरसों पुराने साझेदार वियतनाम (Vietnam) के साथ संबंधों को और मजबूत करने के लिए बृहस्पतिवार को यहां राजकीय दौरे पर पहुंचे. पुतिन के यहां पहुंचने पर उनका स्वागत वहां के बड़ी शख्सियतों ने किया. पुतिन के स्वागत में सफेद पोशाक पहने सैनिक सावधान मुद्रा में खड़े हुए दिखाई दिए. पुतिन उत्तर कोरिया से यहां पहुंचे. पुतिन और उत्तर कोरिया (North Korea) के नेता किम जोंग उन ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत युद्ध की स्थिति में दोनों देशों ने एक-दूसरे की बिना किसी देर के मदद का संकल्प लिया है. इस समझौते को शीत युद्ध की समाप्ति की बाद से मास्को और प्योंगयांग के बीच सबसे ज्यादा प्रभावी समझौता माना जा रहा है. 

क्या है इस दौरे के सियासी समीकरण
दोनों ही देश पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते गतिरोध का सामना कर रहे हैं. हनोई में रूसी नेता वियतनाम के सबसे शक्तिशाली राजनेता और कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फू ट्रोंग, नये राष्ट्रपति टो लैम और अन्य अधिकारियों से मिलेंगे. देश में अमेरिकी दूतावास ने पुतिन की इस यात्रा की तीखी आलोचना की है. पुतिन के वर्ष 2017 में वियतनाम के पिछले दौरे के बाद से बहुत कुछ बदल गया है. यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों द्वारा प्रतिबंधों का सामना कर रहा है. द हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने वर्ष 2023 में युद्ध अपराधों के लिए पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था हालांकि क्रेमलिन ने इसे अमान्य करार देते हुए खारिज कर दिया था और इस बात पर जोर दिया था कि मास्को न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है.


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क्या फिर से होने जा रहा है शीत युद्ध
सिंगापुर के आईएसईएएस-यूसुफ इशाक इंस्टीट्यूट के विश्लेषक गुयेन खाक जियांग ने कहा कि पुतिन का हालिया चीन, उत्तर कोरिया और अब वियतनाम दौरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ चुके रूस को नयी दिशा देने का प्रयास है. पुतिन लागतार एक नया ब्लॉक बनाने की तरफ अग्रसर हैं, ताकि वेस्टर्न वर्ल्ड के खिलाफ अपने पक्ष में लामबंदी कर सकें. विशेषज्ञों का मानना है कि उनके इस रुख से शीत युद्ध जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं. वहीं, कई जानकारों के मुताबिक आज के वल्ड ऑर्डर में ऐसा संभव नहीं है.
(With AP Inputs)

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