डीएनए हिंदी: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) शुरू होने के बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतें तेजी से बढ़ी थी. इसके चलते भारत में कच्चे तेल के दामों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई थी. ऐसे में एक तरफ जहां अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए थे तो दूसरी ओर भारत ने इस मुद्दे पर फायदा उठाकर रूस से कच्चा तेल खरीदा था और यह भारत के लिए आर्थिक लिहाज से एक बड़ा कदम था. इस मुद्दे पर अब रूस पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा है कि रूसी तेल खरीदना भारत के लिए फायदे का सौदा रहा है.
दरअसल एस जयशंकर रूस के दौरे पर हैं. उन्होंने सर्गेई लावरोव से मुलाकात के बाद कहा है कि भारत रूसी कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा क्योंकि यह देश के लिए आर्थिक तौर पर बेहद फायदेमंद है. आपको बता दें कि चीन के बाद भारत रूस के सबसे बड़े तेल ग्राहक के रूप में उभरा है क्योंकि पश्चिमी देश रूस से यूक्रेन युद्ध के कारण तेल ही नहीं ले रहे हैं.
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सस्ता कच्चा तेल है भारत की प्राथमिकता
दरअसल, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और रूस का एक पारंपरिक सहयोगी है. वह भले ही लगातार स्पष्ट तौर पर यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर निंदा करता रहा हो लेकिन सार्वजनिक तौर पर उसने एक बार भी रूस की आलोचना नहीं की है. भारत में कच्चे तेल पहुंचने को लेकर एस जयशंकर ने कहा, "यह सुनिश्चित करना हमारा मौलिक दायित्व है कि भारतीय उपभोक्ता की अंतरराष्ट्रीय (तेल और गैस) बाजारों में सबसे फायदेमंद शर्तों पर सर्वोत्तम पहुंच संभव हो."
रूस से आता रहेगा कच्चा तेल
सस्ते कच्चे तेल की नीति को लागू रखने को लेकर भी एस जयशंकर ने सर्गेई लावरोव के समक्ष बड़ा आश्वासन देते हुए कहा, "इस संबंध में हमने देखा है कि भारत और रूस के संबंधों ने लाभ के लिए काम किया है इसलिए यदि यह मेरे लाभ के लिए काम करता है तो मैं इसे जारी रखूंगा." एस जयशंकर ने अपने इस बयान से स्पष्ट कर दिया है कि भारत रूस के कच्चे तेल का निर्यात जारी रखेगा जिससे भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कंट्रोल में रखा जा सके.
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अमेरिका उठाने वाला बड़ा कदम
एस जयशंकर का रूस से तेल लेने वाला यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे सीधा झटका दुनिया की कथित आर्थिक महाशक्ति अमेरिका को लगने वाला है. एस जयशंकर का यह बयान संयुक्त राज्य अमेरिका और सात समृद्ध देशों के समूह में उसके सहयोगियों द्वारा कीमतों पर एक कैप लगाकर रूस को तेल से मुनाफा कमाने से रोकने के लिए कदम उठाने से एक महीने पहले आया है. यह माना जा रहा है कि एस जयशंकर की इस मुखरता के बाद अमेरिका इस पर कुछ विशेष बयान जारी कर सकता है.
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आपको बता दें कि अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन इस सप्ताह भारत की यात्रा पर आने वाली हैं और उन्होंने कहा है कि भारत को रूसी तेल पर मूल्य सीमा से लाभ होगा और अमेरिका को उम्मीद है कि वह इसका फायदा उठाएगा.
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