Joe Biden के आते ही सऊदी अरब ने इजरायल के लिए खोला अपना एयर स्पेस, जानिए क्यों खास है यह फैसला

Written By नीलेश मिश्र | Updated: Jul 15, 2022, 10:19 AM IST

सऊदी अरब के दौरे पर पहुंच रहे हैं जो बाइडन

Joe Biden Saudi Arab Visit: सऊदी अरब ने जो बाइडन की यात्रा से ठीक पहले इजरायल के विमानों को अपने एयर स्पेस से गुजरने की अनुमति दे दी है. हालांकि, इसके लिए शर्तें भी लागू की गई हैं.

डीएनए हिंदी: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) की यात्रा सऊदी अरब की यात्रा पर पहुंचने वाले हैं. बाइडन की इस यात्रा से ठीक पहले सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने अपने हवाई क्षेत्र को सभी उड़ानों के लिए शुक्रवार को खोल दिया. आपको बता दें कि सऊदी अबर के हवाई क्षेत्र में इजरायल की उड़ानों (Israel Flights) के प्रवेश पर लंबे समय से प्रतिबंध लगा था. सऊदी अरब के इस कदम को दोनों देशों (सऊदी अरब और इजरायल) के बीच हालात सामान्य होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. जो बाइडन ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे, जो इजरायल से सीधे सऊदी अरब के लिए उड़ान भरेंगे. 

जो बाइडन के दौरे से कुछ घंटे पहले ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक बयान में सऊदी अरब के नागरिक उड्डयन के सामान्य प्राधिकरण ने बताया कि वह उन सभी उड़ानों के लिए सऊदी अरब के हवाई क्षेत्र को खोलने के फैसले की घोषणा कर रहा है जो उड़ान के लिए प्राधिकरण की ज़रूरी शर्तों को पूरा करते हैं. यह घोषणा सऊदी अरब और इजरायल के बीच संबंधों के सामान्य होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. साथ ही, यह ईरान के बढ़ते प्रभाव को लेकर साझा चिंताओं के कारण पिछले कुछ सालों में दोनों पुराने दुश्मन देशों के बीच बने मजबूत लेकिन अनौपचारिक संबंधों को भी आगे बढ़ाता है. 

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'ईरान को नहीं बनने देंगे परमाणु शक्ति'
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में बहुत कम मौकों पर ही सऊदी अरब ने इजरायल और खाड़ी देशों के बीच उड़ानों को अपने हवाई क्षेत्र से होकर जाने की अनुमति दी है. इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ बैठक के लिए 2020 में सऊदी अरब की उड़ान भरी थी और पिछले हफ्ते कई इजरायली रक्षा पत्रकारों ने देश का दौरा किया और उनके स्वागत के संबंध में खबरें प्रकाशित कीं. 

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जो बाइडन और इजरायल के प्रधानमंत्री यायर लैपिड ने गुरुवार को कहा कि वे ईरान को परमाणु शक्ति नहीं बनने देंगे. हालांकि, ऐसा करने का तरीका क्या होगा, इस पर दोनों नेताओं की राय अलग थी. बाइडन ने इजराइली नेता के साथ अपनी मुलाकात के बाद एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह अब भी कूटनीति को एक मौका देना चाहते हैं. इससे कुछ देर पहले, लापिड ने जोर देकर कहा कि सिर्फ बातों से ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाएं विफल नहीं होंगी.
 
रणनीति पर बंटे इजरायल और अमेरिका
जो बाइडन ने उम्मीद जताई है कि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के मकसद से उसे एक समझौते में फिर से शामिल होने के लिए राजी किया जा सकता है. बाइडन ने इजरायल और सऊदी अरब की चार दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन कहा, 'मेरा मानना ​​है कि कूटनीति इस परिणाम को हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका है.'

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आपको यह भी बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में यह पश्चिम एशिया की उनकी पहली यात्रा है. इजरायल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री लापिड ने कहा, 'बातों से उन्हें (ईरान को) नहीं रोका जा सकता. कूटनीति उन्हें नहीं रोक सकेगी. ईरान को केवल एक चीज रोकेगी और इसके लिए उन्हें इस बात का एहसास दिलाना होगा कि अगर उन्होंने अपने परमाणु कार्यक्रम को विकसित करना जारी रखा तो दुनिया उनके खिलाफ बल का उपयोग करेगी.'

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