शेख हसीना (Sheikh Hasina) बांग्लादेश छोड़ने के बाद से भारत में हैं. 15 अगस्त के ही दिन उनके पिता, मां, तीन भाइयों समेत परिवार के कुल 18 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. इससे एक दिन पहले उन्होंने पहली बार छात्र आंदोलन से लेकर तख्तापलट तक के मुद्दे पर अपनी बात कही है. बांग्लादेश की आजादी के लिए अपने पिता और परिवार के संघर्ष को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है. पूर्व पीएम ने देश की जनता और समर्थकों से न्याय दिलाने की अपील की है.
बेटे ने शेयर किया शेख हसीना का बयान
बांग्लादेश से भागने के बाद शेख हसीना ने भारत में शरण ले रखी है. उन्होंने हालिया घटनाक्रम पर दुख जताते हुए कहा कि उन्हें भी न्याय चाहिए. उनका बयान बेटे सजीब वाजेद जॉय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है. पूर्व प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनकारियों की हिंसा और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुरर्रहमान की मूर्तियों के तोड़े जाने पर भी अफसोस जताया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता और देश के शहीदों का अपमान किया जा रहा है.
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उपद्रवियों को सजा और अपने लिए मांगा न्याय
शेख हसीना ने राष्ट्र के नाम लिखे संदेश में अपने पिता और परिवार के सदस्यों की कुर्बानी की याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने बांग्लादेश के लिए सुंदर सपना देखा था. उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले महीने जुलाई से अब तक आंदोलन के नाम पर पूरे देश में तोड़फोड़ और आगजनी की जा रही है. महिलाओं, अल्पसंख्यकों, छात्रों, कामकाजी लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने उपद्रवियों की पहचान कर उन पर कार्रवाई के साथ अपने और बांग्लादेश के लिए न्याय की मांग की है.
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