डीएनए हिंदीः पड़ोसी देश श्रीलंका (Srilanka) में प्रदर्शन का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर लोग सड़क पर उतर प्रदर्शन कर रहे है. कोलंबो की सड़कें एक बार फिर प्रदर्शनकारियों से भर गई हैं. दरअसल 14 नवंबर को नए राष्ट्रपति राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे अपना पहला बजट पेश करने वाले हैं. लोगों ने सरकार से मांग की है कि वह टैक्स में कमी करे जिससे आर्थिक संकट से जूझ हे लोगों को राहत मिल सके.
आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका
श्रीलंका पिछले कुछ सालों से आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इस साल विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड कमी के चलते गहरे वित्तीय संकट की चपेट में है. इसके कारण ही यहां पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस समेत खाने-पीने की चीजें और दवा भी कई गुना महंगी हो गई हैं. हालात यहां तक हैं कि श्रीलंका को इंपोर्ट किए जाने वाले सामान के बदले भुगतान करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है. आर्थिक संकट के बाद लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.
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जुलाई में हुआ था प्रदर्शन
श्रीलंका में जुलाई में प्रदर्शन पूरे चरम पर था. हालत यह थी कि पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए थे. प्रदर्शनकारियों ने उनके आवास और कार्यालय पर भी धावा बोल दिया. इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. रानिल विक्रमसिंघे देश के नए राष्ट्रपति बन गए. अब वह अपना बजट पेश करने की तैयारी कर रहे हैं. यह बजट ऐसे समय में पेश किया जा रहा है जब श्रीलंका पिछले 70 साल में सबसे बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.
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