इजरायल इस समय कई मोर्चों पर युद्ध लड़ रहा है. एक ही वक्त में वो कम से कम 5 देशों के साथ संघर्ष में है. इनमें ईरान, लेबनान, यमन, सीरिया, गाजा के फ़िलिस्तीनी इलाके शामिल हैं. ये युद्ध कहां जाकर खत्म होगा ये कहना मुश्किल है. लेकिन इजरायल ये युद्ध सिलसिलेवार तरीके से लड़ रहा है. वहीं ईरान की चाल उसे चारों तरफ की जंग में उलझाकर थका देने की है. ये कोई पहला मौका नहीं है जब इज़रायल पांच ताक़तों के खिलाफ एक साथ युद्ध में शामिल है. इससे पहले भी 1967 में वो 5 ताकतवर देशों के ख़िलाफ़ एक साथ लड़ रहा था, और महज़ 6 दिनों में ही इन सभी देशों को करारी शिकस्त दी थी. इस युद्ध को दुनिया ‘सिक्स डे वॉर’ के नाम से जानती है. आइए इसके बारे में जानते हैं.
6 दिनों का युद्ध और 5 दुश्मनों पर एक साथ फतेह
छह दिवसीय युद्ध को 1967 अरब-इजरायल जंग के नाम से भी जानते हैं. इजरायल और अरब देशों मिस्र, सीरिया, ईराक, लेबनान और जॉर्डन के बीच ये युद्ध हुआ था. सीरिया के ठिकानों से इजरायल पर फिलिस्तीनी गुरिल्ला हमलों ने दोनों देशों के बीच दुश्मनी बढ़ा दी. दोनों पक्षों की ओर से कई गलत अनुमान लगाए गए. सीरिया को डर था कि उसके ऊपर इजरायल बड़ा हमला करेगा, और उसने मिस्र से समर्थन की अपील की.
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इजरायल ने मिस्र को लौटा दी कब्जाई हुई जमीन
मिस्र ने सिनाई प्रायद्वीप से संयुक्त राष्ट्र शांति सेना को वापस बुलाने और क्षेत्र में सैनिकों को भेजने का आदेश देकर जवाब दिया. दोनों पक्षों की ओर से बढ़ती आक्रामक भाषा के बीच, मिस्र ने जॉर्डन के साथ एक पारस्परिक रक्षा संधि पर हस्ताक्षर किए. इजरायल, घिरा हुआ था और अरब हमले के आसन्न होने के डर से, उसने 5 जून 1967 को तीन अरब राज्यों के खिलाफ एक पूर्वव्यापी हमला किया.
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