डीएनए हिंदी: श्रीलंका में चल रहे आर्थिक संकट (Sri Lanka Crisis) और उससे उत्पन्न हुई राजनीतिक अस्थिरता को लेकर अब देश छोड़ चुके राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के औपचारिक इस्तीफे का ऐलान हो गया है. इस बीच अब श्रीलंका की सुप्रीम कोर्ट ने आज उनके दो भाइयों पूर्व प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे (Basil Rajapaksa) को देश छोड़ने पर रोक लगा दी है. आपको बता दें कि गोटाबाया राजपक्षे पहले ही मालदीव और उसके बाद सिंगापुर के लिए देश छोड़ चुके हैं.
गौरतलब है कि महिंदा राजपक्षे ने दो महीने पहले ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जब उनके समर्थकों ने उनके भाई और तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर विरोध कर रहे कुछ लोगों पर हमला किया था. उसके बाद विरोध और तेज हो गया और आखिरकार गोटबाया राजपक्षे को पिछले हफ्ते देश छोड़ना पड़ा. आपको बता दें कि द्वीपीय देश अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन पर महीनों के विरोध के बीच 2.2 करोड़ लोगों को मुश्किलों का कामना करना पड़ रहा है.
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कार्यवाहक राष्ट्रपति बने विक्रमसिंघे
इस मामले में स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धन ने कहा, "गोटाबाया ने कल से कानूनी रूप से इस्तीफा दे दिया है." प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है. एक अधिकारी ने कहा कि संसद बुधवार 20 जुलाई को एक नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी.
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खाली हुआ राष्ट्रपति आवास
वहीं खबरों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने आज राष्ट्रपति भवन को भी सरकार को सौंप दिया है जो कि पिछले एक हफ्ते से विरोध प्रदर्शन कर रही जनता के कब्जे में था. वहीं अब राष्ट्रपति आवास को फॉरेंसिक टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है और अब आवास में हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है.
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