Sri Lanka Economic Crisis: आइए हम इन 10 पॉइंट्स में समझते हैं अब तक क्या-क्या हुआ

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 11, 2022, 04:25 PM IST

श्रीलंका में प्रदर्शन करते आम नागरिक

Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. अब वहां राजनीतिक अराजकता भी देखने को मिल रही है. श्रीलंका के प्रधानमंत्री इस्तीफा दे चुके हैं और राष्ट्रपति देने वाले हैं. आइए समझते हैं वहां अब तक क्या-क्या हुआ...

डीएनए हिन्दी: 'कंगाली' के दौर से गुजर रहे श्रीलंका (Sri Lanka Crisis) में आम लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. बढ़ती महंगाई से परेशान श्रीलंका के नागरिकों ने शनिवार को जमकर हंगामा किया. लोगों का गुस्सा देख राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) भाग खड़े हुए. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं 'भगोड़े' राष्ट्रपति ने 13 जुलाई को पद छोड़ने की घोषणा की दी है. अब श्रीलंका में एक सर्वदलीय सरकार बनाने की कोशिश हो रही है. ध्यान रहे कि करीब सवा 2 करोड़ की आबादी वाला यह देश अपने सबसे खराब आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. आइए इन 10 पॉइंट्स के माध्यम से हम जानते हैं श्रीलंका में अब तक क्या-क्या हुआ...

1. श्रीलंका के हालात पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) भी चिंतित है. आईएमएफ ने रविवार को कहा कि हम लोग आर्थिक संकट की वजह से गरीब लोगों को हो रही परेशानियों को लेकर चिंतित हैं. हम इन परिस्थितियों में श्रीलंका की मदद करने को तैयार हैं. आईएमएफ का कहना है कि हम श्रीलंका के वित्त मंत्रालय और सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के साथ बातचीत कर रहे हैं.साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही श्रीलंका का राजनीतिक संकट खत्म होगा और हम बेलआउट डील पर बातचीत शुरू कर देंगे.

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2. श्रीलंका के हालात पर आईएमएफ के बॉस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की.उन्होंने जी20 देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि यह एक ऐसा विषय है जिस पर निश्चिंत होकर नहीं बैठ सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह स्थिति कहां जाकर समाप्त होगी कोई नहीं जानता है. उन्होंने जी20 देशों के नेताओं से कहा कि हम इस मुद्दे को नजरअंदाज नहीं कर सकते. हमें मिलकर इसके समाधान के लिए सोचना चाहिए.

3. एक रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका पर करीब 150 बिलियन डॉलर का कर्ज है. उसे 28 बिलियन डॉलर का भुगतान 2028 तक करना है. अभी हालात यह है कि श्रीलंका अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पा रहा है. वह फ्यूल और खाने-पीने की जरूरी चीजों के लिए भी संघर्ष कर रहा है.

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4. श्रीलंका में विपक्षी दल रविवार को मिले थे. वे देश में एक सर्वदलीय सरकार के गठन की कोशिश कर रहे हैं. बैठक के बाद विपक्षी दलों ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही नई सरकार गठन कर लेंगे.

5. शनिवार और रविवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के महल से जो दृश्य आए वे बेहद अराजक और डरावने थे. प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के स्विमिंग पूल डूबकी लगाते नजरे आए. वहीं कुछ प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के बेड पर कूदते नजर आए. सूत्रों की मानें तो वहां मौजूद सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश तक नहीं की. वहीं आम लोग जब महल के अंदर गए तो वे दंग थे. उनका कहना था कि हम दो जून की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं और राष्ट्रपति विलासितापूर्ण जिंदगी जी रहे हैं.

6. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि हमारा देश श्रीलंका की घटनाओं पर नजर रखे हुए है. साथ ही उन्होंने श्रीलंकाई नेताओं से आग्रह किया कि वे इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द ढूंढे और लोगों के असंतोष को दूर करने की कोशिश करें.

7. इस बीच भारत श्रीलंका की मदद के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने अपने पड़ोसी श्रीलंका के लिए 3.8 अरब डॉलर की मदद के लिए प्रतिबद्धता जताई है.

8. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं. इस संकट  के घड़ी में भी श्रीलंका के लोग लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक ढांचे के माध्यम से समृद्धि और प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहते हैं. यह हम सबके लिए उम्मीद जगाने वाली और खुशी की बात है.

9. बागची ने अपने बयान में यह भी कहा कि भारत श्रीलंका का पड़ोसी देश है. हम सांस्कृतिक और सभ्यागत रूप से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. हम उन चुनौतियों से अवगत हैं जिसका श्रीलंका के लोग सामना कर रहे हैं. इस मुश्किल घड़ी में हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं, क्योंकि वे लोग इस समस्या के समाधान के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं.

10. श्रीलंका की वर्तमान समस्या पर पोप फ्रांसिस का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मैं इस संकट के समय श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा हूं. श्रीलंका के लोग राजनीतिक और आर्थिक अराजकता के दौर से गुजर रहे हैं. मैं श्रीलंका के सभी धर्मगुरुओं से शांति की अपील करता हूं. मैं संपन्न लोगों से आग्रह करता हूं कि वे गरीबों की मदद के लिए आगे आएं.

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