डीएनए हिंदी: श्रीलंका में भुखमरी जैसे हालात बन रहे हैं. खाने-पीने की चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं और लोगों के लिए जरूरी राशन खरीदना भी मुश्किल होता जा रहा है. महंगाई का आलम यह है कि एक किलो सेब की कीमत 1600 रुपये है. चावल और दाल जैसी चीजों की कीमत भी काफी ज्यादा है. लोगों को राशन और ज़रूरी दवाएं खरीदने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. द्वीपीय देश अपनी आजादी के बाद से सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है. देश में जरूरी चीजों का स्टॉक लगभग खत्म हो चुका है और मौजूदा संकट से उबरने के लिए भारत समेत दूसरे देशों से मदद की जरूरत है. गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद भी देश भर में प्रदर्शनों का दौर जारी है.
6,000 में मिल रहा 1 किलो काजू
महंगाई दर का आलम यह है कि एक किलो काजू 6000 रुपये में बिक रहा है. इस कीमत में आप भारत में दिल्ली से जयपुर की हवाई यात्रा कर सकते हैं. एक किलो सेब की कीमत 1600 रुपये है. इस साल जनवरी में इसकी कीमत 350 रुपये तक थी.
मौसमी फल आम की कीमत भी 350 रुपये से लेकर 500 रुपये तक है. चावल और दाल जैसी जरूरी चीजों को खरीदने में लोगों के पसीने छूट रहे हैं. पेट्रोल-डीजल की कीमत 500 रुपये से ऊपर पहुंच चुकी है.
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70% तक महंगाई बढ़ी
देश में राजनीतिक अस्थिरता और लंबे समय से चल रही आर्थिक संकट के बाद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पहले ही देश में बेहिसाब महंगाई बढ़ने की आशंका जाहिर की थी. इस साल अप्रैल से देश के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं.
महंगाई दर 70% के करीब है. 12 अप्रैल 2022 को तत्कालीन श्रीलंकाई सरकार ने 51 अरब डॉलर के कर्ज को डिफॉल्ट करने का ऐलान किया था. सरकार ने कहा था कि सरकारी खजाने में विदेशी मुद्रा भंडार न्यूनतम स्तर पर है.
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भारत से लगातार मिल रही है श्रीलंका को मदद
कुछ दिन पहले ही देश के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि हम श्रीलंका की परिस्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं और हर संभव मदद की जा रही है. अब तक भारत की ओर से श्रीलंका को यूरिया और चावल का स्टॉक दिया गया है. पेट्रोल और डीजल की सप्लाई भी भारत ने की है.
भारत ने द्वीपीय देश को भरोसा दिया है कि श्रीलंका के हालात सुधारने के लिए नई दिल्ली की ओर से सभी जरूरी मदद की जाएगी. श्रीलंका संकट की शुरुआत से ही भारत मदद कर रहा है. अप्रैल में भारत की ओर से एक बिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन की सहायता श्रीलंका के लिए जारी की गई थी.
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