डीएनए हिंदी: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे वापस देश तो लौट आए हैं, लेकिन अब उनके लिए कई चुनौतियां भी खड़ी हो गई हैं. हर तरफ से उनकी गिरफ्तारी की मांग हो रही है. उन पर मुकदमा चलाने और उनके अपराधों की सजा दिलाने के लिए विपक्षी पार्टियां लामबंद हो रही हैं. बता दें कि शुक्रवार को ही गोटबाया राजपक्षे सरकारी संरक्षण में वापस देश लौटे हैं. उन्हें पूर्व राष्ट्रपति के अधिकारों के तहत एक सरकारी बंगला और अन्य सुविधाएं दी गई हैं. उनकी सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. मगर आगे की राह काफी मुश्किल है. शनिवार को ही उनकी गिरफ्तारी की मांग भी होने लगी.
राजपक्षे की गिरफ्तारी को लेकर मांग हुई तेज
श्रीलंका में सरकार विरोध अभियान की अगुवाई करने वाले नेताओं का कहना है कि गोटबाया वापस इसलिए आए क्योकि कोई भी देश उन्हें अपने यहां शरण देने को तैयार नहीं है. उनके पास छिपने के लिए कोई जगह नहीं बची है. पूर्व सोवियत नेता जोसफ स्टालिन का कहना है कि गोटबाया को तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार किया जाना चाहिए. वह श्रीलंका के 2 करोड़ से ज्यादा लोगों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार हैं. उन्हें उनके अपराधों की सजा मिलनी चाहिए. उनकी वजह से जनता ने खाने-पीने से लेकर ईंधन औऱ बिजली तक हर जरूरी चीज की किल्लत झेली है उन्हें इस तरह अब आराम से रहने का कोई हक नहीं है.
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कड़ी सुरक्षा के बीच श्रीलंका पहुंचे राजपक्षे
जिस वक्त राजपक्षे ने अपना देश छोड़ा था उस वक्त वहां उनकी जान तक को खतरा था. ऐसे में जब कड़ी सुरक्षा के साथ ही शुक्रवार को भंडारनायके अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे. रिपोर्ट्स के मुताबिक कई मंत्री भी उनकी अगुवानी के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद थे. यह भी बताया जा रहा है कि श्रीलंका के मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमासिंघे ने भी उन्हें सुरक्षा और देश की शांति का विश्वास दिलाया है. 18 अगस्त को दोनों के बीच बातचीत हुई थी. इसी के बाद राजपक्षे ने देश वापस लौटने की तैयारी शुरू की.
13 जुलाई को देश छोड़कर भागे थे राजपक्षे
बता दें कि लगभग 2 महीने पहले जनता का रोष सड़कों से संसद और फिर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के आवास तक पहुंच गया था. इसके चलते श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को देश छोड़कर ही भागना पड़ा था. लगभग दो महीने बाद अब वह देश लौट आए हैं. विरोध प्रदर्शन, इस्तीफे की मांग और लगातार हो रही हिंसक घटनाओं के बीच राजपक्षे 13 जुलाई को देश छोड़कर भाग गए थे.
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अब तक थाईलैंड में थे राजपक्षे
गोटबाया राजपक्षे पहले श्रीलंका वायुसेना के विमान के जरिए कोलंबो से मालदीव भागे थे. मालदीव से वह सिंगापुर रवाना हुए थे, जहां से उन्होंने 14 जुलाई को अपना इस्तीफा भेजा था. बाद में राजपक्षे थाईलैंड चले गए थे. इस सबके बाद श्रीलंका की संसद ने तत्कालीन कार्यवाहक राष्ट्रपति और छह बार प्रधानमंत्री रह चुके रानिल विक्रमसिंघे को उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुना था.
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