Sri Lanka Crisis: खत्म हो गया श्रीलंका में पेट्रोल-डीजल, 2 सप्ताह तक बिक्री पर रोक

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 28, 2022, 03:02 PM IST

पेट्रोल पंप पर महीनों से लग रही लंबी कतारें

Sri Lanka Fuel Crisis: श्रीलंका में आर्थिक संकट को देखते हुए सरकार ने स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए हैं. देश में पेट्रोल-डीजल का भंडार लगभग खत्म हो चुका है. सरकारी प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार ने ईंधन बिक्री पर रोक लगा दी है ताकि हम अपने छोटे से भंडार को सुरक्षित रख सकें. 

डीएनए हिंदी: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका श्रीलंका ने सोमवार को ईंधन (Fuel) की बिक्री पर 2 सप्ताह के लिए रोक लगाने की घोषणा की है. पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel Crisis) की भारी किल्लत से जूझ रहे द्वीपीय देश में आर्थिक संकट लगातार गहराता जा रहा है. इसे देखते हुए सिर्फ आवश्यक सेवाएं ही देश में संचालित करने का निर्देश दिया गया है और उन्हें ही ईंधन उपलब्ध कराया जाएगा. आवश्यक सेवाओं की सूची में स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, बंदरगाह, हवाई अड्डा, खाद्य वितरण और कृषि शामिल होंगे. इसके अलावा, सभी गैर-जरूरी सेवाओं को 10 जुलाई तक के लिए निलंबित कर दिया गया है.

सरकारी प्रवक्ता ने की पुष्टि 
समाचार एजेंसी एएफपी से सरकारी प्रवक्ता बंडुला गुणवर्धन ने सरकार के उठाए कदमों की पुष्टि की है. सरकारी प्रवक्ता ने कहा, 'आज आधी रात से, स्वास्थ्य क्षेत्र जैसी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर कोई भी ईंधन नहीं बेचा जाएगा. हम अपने पास मौजूद छोटे भंडार को संरक्षित करना चाहते हैं. हमें लोगों को हुई असुविधा के लिए खेद है. सरकार कोशिश कर रही है कि इस स्थिति से जितनी जल्दी हो सके बाहर निकला जा सके.'

बता दें कि पिछले कई महीने से श्रीलंका में ईंधन ही नहीं बल्कि सभी जरूरी चीजों की भारी कमी हो गई है. सस्ता राशन, दवाइयों और पेट्रोल के लिए लोग घंटों लाइन में लग रहे हैं. अपनी आजादी के बाद से श्रीलंका सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है. 

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School किए गए बंद, कर्मचारियों को WFH
देश में बिजली संकट भी चरम पर है और इस वजह से स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं. सरकारी और निजी कार्यालयों के कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया है. सरकारी अधिकारियों को वर्क फ्रॉम होम का विकल्प चुनने को कहा गया है.यह पहली बार है जब श्रीलंका में ईंधन खत्म हो गया है.

श्रीलंका में महंगाई और बेरोजगारी भी चरम पर है और लोगों में पूर्ववर्ती राजपक्षे सरकार के लिए अभी भी बहुत गुस्सा है. बता दें कि जनता के भारी विरोध के बाद महिंदा राजपक्षे ने पीएम पद छोड़ा था और गोटाबाया राजपक्षे को देश की कमान सौंपी गई है. 

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