Srilanka: श्रीलंका में चुनावी सरगर्मियां तेज, चीन के बढ़ते दखल के बीच भारत के लिए कितना अहम है ये Election

| Updated: Oct 07, 2024, 07:37 AM IST

Srilanka Election News: श्रीलंका में संसदीय चुनाव नवंबर में होने को हैं. इस चुनाव की तैयारी में सभी राजनीतिक दल जुट गए हैं. इतना ही नहीं राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची भी जारी करना शुरु कर रहे हैं.

Srilanka Election: भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में नवंबर में संसदीय चुनाव होने जा रहे हैं. इस चुनाव की तैयारी के लिए सभी राजनीतिक दल गठबंधन बनाने में जुटे गए हैं. इतना ही नहीं  राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची तैयार करने में भी लग गई हैं. देश में 14 नवंबर को होने वाले इस चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पिछले शुक्रवार से शुरू हो गए हैं, लेकिन अभी तक किसी भी बड़े दल में से किसी ने भी चुनावी जिले में नामांकन दाखिल नहीं किया है. नामांकन की अंतिम तिथि 11 अक्टूबर रखी गई है.

राजनीतिक पार्टियां कर रही उम्मीदवारों की सूची तैयार
बता दें कि 21 सितंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में नेशनल पीपुल्स पावर पार्टी की जीत के बाद अब वह अपने उम्मीदवारों की सूची तैयार कर रही है. NPP के नेता सामंथा विद्यारत्ने ने कहा, "हमने पिछले 2 हफ्तों में अपने शासन से राजनीतिक परंपराओं में बदलाव किया है. हम संसदीय चुनाव के बाद भी नए चेहरों के साथ इसे जारी रखेंगे. 

राष्ट्रपति चुनाव में विक्रमसिंघे, एसजेबी नेता सजित प्रेमदासा के बाद तीसरे स्थान पर रहे थे. प्रेमदासा और विक्रमसिंघे के बीच वोटों का विभाजन (50.03 प्रतिशत) अनुरा दिसानायके की जीत का कारण बना. वर्तमान में, यूएनपी (UNP) उन दलों के साथ चुनावी समझौते करने की प्रक्रिया में है जो पहले राजपक्षे परिवार की पार्टी श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (SLPP) से अलग होकर "रसोई गैस सिलेंडर" चुनाव चिह्न के तहत चुनाव लड़ रहे थे. यह वही चिह्न है जिसका विक्रमसिंघे ने अपने राष्ट्रपति अभियान के दौरान उपयोग किया था. UNP के अध्यक्ष वजीरा अबेवर्देना ने बताया कि हम अधिकतर जिलों में रसोई गैस सिलेंडर चुनाव चिह्न का उपयोग करेंगे, जबकि एक या दो जिलों में हम अपने पारंपरिक हाथी के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करेंगे. इसी दौरान, तमिल राजनीतिक समूह भी अपने गठबंधन बनाने के प्रयास में लगी है. 


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चीन के बढ़ते प्रभाव और भारत की चिंता
श्रीलंका में चीन का बढ़ता प्रभाव भारत के लिए एक बड़ी चिंता का बना हुआ है. श्रीलंका की रणनीतिक स्थिति हिंद महासागर में होने के कारण भारत और चीन दोनों के लिए अहम है. चीन ने श्रीलंका में बड़े पैमाने पर निवेश किया है, जिसमें बंदरगाहों, सड़कों और बुनियादी ढांचे के विकास शामिल हैं. हंबनटोटा पोर्ट और कोलंबो पोर्ट सिटी प्रोजेक्ट जैसे चीनी निवेश श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

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