डीएनए हिंदी: सूडान में युद्ध (Sudan War) की वजह से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. राजधानी खार्तूम में सड़कों पर लाशों का अंबार लगा हुआ है और शहर के मुर्दाघरों में अबऔर लाशें रखने की जगह नहीं बची है. लाशें सड़ रही हैं और इसकी वजह से हैजा फैलने का खतरा पैदा हो रहा है. इसके अलावा देश में स्कूल-कॉलेज ठप पड़े हैं और रोजगार के अवसर न के बराबर बन पा रहे हैं. महंगाई चरम पर पहुंच गई है और लोगों के लिए खाने की जरूरी चीजों और पीने के लिए साफ पानी का इंतजाम करना भी मुश्किल हो गया है. घंटों तक लोगों को बिजली नसीब नहीं हो रही है और रात को भी देश का बड़ा हिस्सा अंधेरे में डूबा रहता है.
4 महीने से जारी है जंग, बिजली-पानी को तरस रही जनता
सूडान में पिछले 4 महीने से जंग चल रही है और अब देश की राजधानी खार्तूम समेत दूसरे शहरों का हाल बुरा है. शहर के मुर्दाघरों में क्षमता से ज्यादा लाशें पड़ी हैं और लोगों को कहीं जगह नहीं मिल पा रही है तो सड़क पर ही मृतकों के शव छोड़ जा रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन इस वजह से हैजा महामारी की आशंका भी जताई है. दूसरी ओर सूडान में मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों की सुरक्षा पर भी गंभीर खतरा पैदा हो गया है.
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अंतरराष्ट्रीय सहायता ग्रुप ‘सेव द चिल्ड्रेन’ ने इस हफ्ते बताया कि खार्तूम के मुर्दाघर पूरी तरह से भर चुके हैं. युद्ध की वजह से बड़े पैमाने पर बिजली कटौती हो रही है और इस वजह से लाशों को कोल्ड स्टोरेज में रखना संभव नहीं हो पा रहा है. कई बार तो कुछ शव गलने भी लग जा रहे हैं. जंग और संकटपूर्ण हालात की वजह से पर्याप्त मात्रा में स्टाफ भी तैनात नहीं किया जा पा रहा है. युद्धग्रस्त क्षेत्रों में दूषित पानी और साफ-सफाई की कमी की वजह से हैजा महामारी का फैलना आम बात है.
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4 महीने से जारी जंग में अब तक 1,000 से ज्यादा मौतें
सूडान आर्म्ड फोर्स (SAF) और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच पिछले चार महीनों से लड़ाई चल रही है. बता दें कि सूडान में पिछले कई वर्षों से अस्थिरता और राजनीतिक जंग किसी न किसी रूप में चल रही है. मौजूदा जंग की शुरुआत अप्रैल के महीने में हुई थी, जब दोनों ही गुटों ने राजधानी पर कब्जा जमाने का प्रयास किया था. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई तक में इस अफ्रीकी देश में युद्ध की वजह से 1,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. यह आंकड़ा अब तक और बढ़ चुका है.
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