Syria Drone Attack: ड्रोन अटैक से दहला सीरिया, 110 लोगों की मौत, मिलिट्री एकेडमी को बनाया निशाना

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 06, 2023, 08:05 AM IST

Syria Drone Attack

Syrian Military Academy Drone Attack: सीरियाई सेना ने कहा कि वह इन आतंकवादी संगठनों को पूरी ताकत से जवाब देगी, चाहे वे कहीं भी मौजूद हों. सीरिया का संकट मार्च 2011 में राष्ट्रपति बशर असद की सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ.

डीएनए हिंदी: सीरिया के मध्यवर्ती शहर होम्स में सेना के एक पासिंग आउट परेड समारोह के दौरान ड्रोन हमले हुए. इसमें 110 से ज्यादा लोग मारे गए, जबकि 210 के करीब घायल बताए जा रहे हैं. यह हाल के वर्षों में सीरियाई सेना पर सबसे घातक हमलों में से एक था. सीरिया में पिछले 13 साल से संघर्ष जारी है. शहर के स्वास्थ्य निदेशक डॉ. मुसलेम अल-अतासी ने कहा कि इन हमलों से होम्स में हो रहे समारोह पर असर पड़ा, क्योंकि समारोह समापन की ओर था.

उन्होंने बताया कि हताहतों में आम नागरिक और सैन्यकर्मी दोनों शामिल हैं. अल-अतासी ने बताया कि कई घायलों की हालत गंभीर है और उनका इलाज सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स के कई अस्पतालों में किया जा रहा है. सीरिया की सेना ने पहले एक बयान में कहा कि विस्फोटकों से युक्त ड्रोन ने युवा अधिकारियों और उनके परिवारों को निशाना बनाया। उन्होंने किसी विशेष समूह का नाम लिये बिना, हमले के लिए ज्ञात अंतरराष्ट्रीय ताकतों द्वारा समर्थित विद्रोहियों पर आरोप लगाया. हालांकि, अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.

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सेना ने हताहतों की संख्या नहीं बताई है, लेकिन सीरिया के सरकारी टेलीविजन ने कहा कि सरकार ने शुक्रवार से तीन दिन के शोक की घोषणा की है. ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स, एक विपक्षी युद्ध मॉनिटर और सरकार समर्थक शाम एफएम रेडियो स्टेशन ने सबसे पहले हमलों की सूचना दी थी.

इदलिब प्रांत के गांवों पर गोलाबारी
सीरियाई सेना ने कहा, 'वह इन आतंकवादी संगठनों को पूरी ताकत और निर्णायकता से जवाब देगी, चाहे वे कहीं भी मौजूद हों.' सीरिया का संकट मार्च 2011 में राष्ट्रपति बशर असद की सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ, लेकिन प्रदर्शनकारियों पर सरकार की क्रूर कार्रवाई के बाद जल्द ही यह गृहयुद्ध में बदल गया. ड्रोन हमले के बाद सीरियाई सरकारी बलों ने विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिम के इदलिब प्रांत के गांवों पर गोलाबारी की. वहां किसी के हताहत होने की तत्काल कोई खबर नहीं है.

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