Hijab Ban: इस इस्लामिक देश ने हिजाब पर लगाया बैन, प्रेसिडेंट ने बताया ऐतिहासिक कदम

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Sep 13, 2024, 07:17 PM IST

सांकेतिक चित्र

Hijab Ban In Tajikistan: 95 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले देश तजाकिस्तान में हिजाब पर बैन लगा दिया गया है. राष्ट्रपति ने इसे कट्टरपंथ के खिलाफ अहम कदम बताया है.

मुस्लिम बहुल आबादी वाले देश तजाकिस्तान ने हिजाब पर बैन (Hijab Ban In Tajikistan) लगाया है. तजाकिस्तान की सरकार ने पिछले कुछ समय में कई अहम फैसले लिए हैं. आधुनिक और लोकतांत्रिक बनाने और कट्टरपंथी ताकतों से दूर रखने के लिए हिजाब पर बैन के अलावा, पुरुषों के दाढ़ी बढ़ाने पर भी रोक लगाई है. धार्मिक कार्यक्रमों में बच्चों को लेकर जाने पर भी पाबंदी लगाई गी है. राष्ट्रपति इमोमोली रहमान ने कहा कि ये सारे कदम देश को आधुनिकता के रास्ते पर ले जाने और कट्टरपंथ से दूर रखने के लिए उठाए गए हैं. 

हिजाब पर लगाई पूरी तरह से पाबंदी 
तजाकिस्तान के नए राष्ट्रपति के सत्ता में आने के बाद से ही बदलाव दिखने लगे था. हिजाब खरीदने, बेचने, बढ़ावा देने और पहनने पर अब पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. दो महीने पहले देश की संसद ने प्रस्ताव पास कर हिजाब पर बैन लगाया है. इसके अलावा, पुरुषों के लंबी दाढ़ी रखने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. देश में मस्जिदों को भी बंद किया जा रहा है और उसकी जगह पर व्यावसायिक दुकानें खोली जा रही हैं.  


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राष्ट्रपति इमोमोली रहमान लगातार हिजाब को विदेशी परिधान बोलते रहे हैं. सरकारी नौकरी करने वाली महिलाओं के हिजाब पहनने पर ज्यादा पेनल्टी वसूली जाने का प्रावधान किया गया है. सामान्य महिलाओं के हिजाब इस्तेमाल करने पर 700 डॉलर वसूलने का प्रावधान है. तजाकिस्तान की सरकार ने कई और तरह की धार्मिक क्रिया-कलापों पर भी रोक लगाई है. देश की 95 फीसदी आबादी मुस्लिम है, इसके बावजूद मौजूदा सरकार कई सख्त फैसले ले रही है.

कट्टरपंथी ताकतों पर लगाम लगाने की कोशिश 
तजाकिस्तान मुस्लिम बहुल आबादी है, लेकिन इसके बाद भी मौजूदा सरकार देश को धार्मिक पहचान से अलग स्वतंत्र और आधुनिक कलेवर देने की कोशिश कर रही है. माना जा रहा है कि इसके पीछे दुनिया के बाकी देशों से जुड़ने की कोशिश है. सोवियत रूस से अलग होने के बाद तजाकिस्तान में कई सारी कट्टरपंथी ताकतें हावी हो गई थीं. सरकार उन कट्टरपंथी समूहों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है.


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