डीएनए हिंदी: तालिबान सरकार लड़कियों का भविष्य अंधेरे में झोंकने के लिए एक बार फिर तैयार है. तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान में सभी छात्राओं के लिए विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा को निलंबित कर दिया है. यह अफगान महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता पर एक और प्रहार है. अफगान उच्च शिक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि यह निर्णय कैबिनेट की बैठक में किया गया था, आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो रहा है. जहां दुनिया नए साल का जश्न मनाने की तैयारियां कर रही है, वहीं महिलाओं के भविष्य को तालिबान ने एक बार फिर बर्बाद कर दिया है.
अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों ने अफगानिस्तान में महिलाओं की विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने के तालिबान के हालिया फैसले की निंदा की है. महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता पर नकेल कसते हुए मंगलवार को एक नए फरमान में कहा था कि अफगानिस्तान में निजी व सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में महिला छात्रों को तत्काल प्रभाव से अगली सूचना तक प्रतिबंधित कर दिया गया है.
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क्या है अमेरिका का रिएक्शन?
व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदद (NSC) की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने मंगलवार को कहा, 'अमेरिका अफगानिस्तान की महिलाओं को विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा प्राप्त करने से रोकने के लिए तालिबान के फैसले की निंदा करता है.'
एड्रिएन वॉटसन ने कहा, 'यह एक निंदनीय फैसला है और तालिबान नेतृत्व द्वारा अफगानिस्तान में महिलाओं तथा लड़कियों पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने तथा उन्हें उनके मानवाधिकारों व मौलिक स्वतंत्रता का इस्तेमाल करने से रोकने का नवीनतम प्रयास है.'
क्या तालिबान पर इस फैसले का पड़ेगा असर?
एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि अफगानिस्तान के इस फैसले से तालिबान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अलग-थलग पड़ जाएगा और जो वैधता वह हासिल करना चाहता है उससे भी वंचित हो जाएगा. उन्होंने कहा है कि अमेरिका इस मुद्दे पर अपने भागीदारों व सहयोगियों के साथ सम्पर्क में है. हम अफगानिस्तान की महिलाओं तथा लड़कियों का समर्थन करने और अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के हमारे साझा प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाना जारी रखेंगे.
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महिलाओं का घोर विरोधी है तालिबान
तालिबान महिला शिक्षा का घोर विरोधी है. तालिबान चाहता है कि महिलाएं अपने-अपने घरों में कैद रहें और पढ़ाई लिखाई से वास्ता न रखें. तालिबान शासन के बाद से महिलाओं की जिंदगी वहां बेहद बुरी हो गई है. उनके सभी अधिकार छीन लिए गए हैं. उन्हें नौकरी करने की इजाजत नहीं है. उन्हें अकेले बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है. तालिबान एक के बाद एक उनके अधिकारों को कम कर रहा है.
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