पाकिस्तान को महंगी पड़ी तालिबान से दोस्ती, 18 घंटे से मिलिट्री सेंटर पर है कब्जा, पढ़ें अब तक क्या-क्या हुआ

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 19, 2022, 11:38 PM IST

Pakistani Taliban

Taliban Attack Pakistan: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में तालिबानी आतंकियों ने एक मिलिट्री सेंटर पर पिछले 18 घंटों से कब्जा जमा रखा है.

डीएनए हिंदी: आतंकी संगठन तालिबान को पालना-पोसना अब पाकिस्तान को ही भारी पड़ रहा है. तालिबानी आतंकियों ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू जिले में बने काउंटर टेररजिम सेंटर (CTD) पर पिछले 18 घंटों से कब्जा जमा रखा है. पाकिस्तान सरकार ने बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ाने के लिए तहरीक-ए-तालिबान यानी पाकिस्तान तालिबान से बातचीत भी की है. अभी तक यह बातचीत बेनतीजा किया है. तालिबान का कहना है कि उसके सदस्यों के साथ पुलिस ने ज्यादती की जिसके बाद यह कदम उठाया गया है. उधर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने इलाकों को चारों ओर से घेर लिया है. इस इलाके में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं.

पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने रविवार को कुछ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था. इन आतंकियों से पुलिस थाने में पूछताछ की जा रही थी. अचानके इनमें से एक आतंकवादी ने पुलिसकर्मी से एके-47 छीन ली और गोलियां चलानी शुरू कर दी. हाथ में बंदूक आने के बाद आतंकी ने थाने में बंद दूसरे आतंकवादियों को भी छुड़ा लिया. इन सभी आतंकियों ने मिलकर पूरे थाने को अफने कब्जे में ले लिया.

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दो पुलिसकर्मियों की गई जान, हाई अलर्ट पर है आर्मी
आतंकियों ने इस मिलिट्री सेंटर पर मौजूद पुलिसकर्मियों को भी बंधक बना लिया है. दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में कम से कम दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है. पाकिस्तानी अधिकारियों ने सेना की स्पेशल फोर्स को अलर्ट पर रखा है. बन्नू में सोमवार को दिन भर स्थिति तनावपूर्ण रही, क्योंकि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे छावनी क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है. इस इलाके के लोगों को घर के अंदर रहने के लिए कहा गया है. क्षेत्र में इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. 

पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' की वेबसाइट के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री बैरिस्टर मोहम्मद अली सैफ के विशेष सहायक ने कहा कि हालात स्थिर हैं और अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. सैफ ने कहा कि वह लगातार तालिबान के संपर्क में हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बन्नू कैंप में आतंकवादियों ने एक सुरक्षा अधिकारी की हत्या कर दी है. जानमाल का नुकसान न हो इसलिए सरकार आतंकियों के साथ बातचीत कर रही है.

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क्या चाहते हैं तालिबानी?
तालिबानी आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों के साथ बातचीत के लिए एक स्थानीय धार्मिक व्यक्ति मौलाना अहमद उल्लाह को बुलाने की मांग की है. उन्होंने इस बातचीत के लिए एक बंधक को अपने वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों से मोबाइल फोन पर बात करने की अनुमति भी दी है. इस बीच, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने सोमवार को एक बयान जारी करके दावा किया कि कैदियों ने कल रात से कई सुरक्षा अधिकारियों और जेल कर्मचारियों को बंधक बना लिया है. तालिबानी के मुताबिक, ये कैदी केवल दक्षिण या उत्तर वजीरिस्तान कबायली जिलों में टीटीपी कैदियों का सुरक्षित मार्ग चाहते हैं.

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टीटीपी ने कहा कि गतिरोध की शुरुआत के बाद से सुरक्षा बलों का रवैया दर्शाता है कि उनकी मांग मानने की कोई तैयारी नहीं है. तालिबान के एक प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने कहा कि सीटीडी पुलिस थाने में कैदियों के साथ सुरक्षा अधिकारियों के अमानवीय व्यवहार के कारण यह कदम उठाया गया. 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की खबर के मुताबिक, बन्नू के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) मोहम्मद इकबाल ने कहा कि बाहर से कोई हमला नहीं किया गया और पूछताछ के दौरान एक आतंकवादी ने पुलिस से राइफल छीन ली और इमारत में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर गोलियां चलाई.

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सीजफायर खत्म करने के बाद से हमलावर है तालिबान
उन्होंने कहा, 'आतंकवादियों ने इमारत पर कब्जा कर लिया है और हमने पूरे बन्नू छावनी इलाके को घेर लिया है.' खबरों के मुताबिक करीब 30 आतंकियों ने लोगों को बंधक बनाया हुआ है. इससे पहले, सीटीडी कैंप से टीटीपी के आतंकवादियों ने एक वीडियो जारी करके दावा किया था कि नौ पुलिसकर्मी उनके कब्जे में हैं. साल 2007 में कई आतंकवादी संगठनों के मुखिया गुट के रूप में स्थापित टीटीपी ने पिछले महीने जून में पाकिस्तानी सरकार के साथ हुए संघर्ष विराम समझौते को रद्द कर दिया और अपने आतंकियों को देश भर में आतंकवादी हमले करने का आदेश दिया.

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