'केवल एक भारत है', आपसी तनाव के बीच कनाडा का बड़ा बयान, खालिस्तानी आतंकियों को दिखाया ठेंगा

Written By मीना प्रजापति | Updated: Oct 06, 2024, 08:16 PM IST

कनाडा ने भारत के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाने के आसार दिखाए हैं. कनाडा की एक तरफ से क्षेत्रीय अखंडता पर स्थिति साफ की गई है.

कनाडा की तरफ से भारत को लेकर एक बड़ा बयान सामने आया है. पिछले साल राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो की तरफ से हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों की 'संभावित' संलिप्तता के आरोपों को लेकर दोनों देशों के बीच पैदा हुई दरार के बाद यह पहला बयान आया है. इस बयान में कनाडा ने कहा कि भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर कनाडा का रुख साफ है. क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान का सम्मान किया जाना चाहिए. आपको बता दें कि निज्जर भी एक कनाडाई नागरिक था और भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादियों में से एक था. 

ओटावा में फॉरेन इंटरफेरेंस आयोग के समक्ष उपस्थित होते हुए कनाडा के विदेश मामलों के डिप्टी मिनिस्टर डेविड मॉरिसन ने कहा कि कनाडा की नीति बहुत स्पष्ट है. भारत की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए. भारत एक है, और यह बहुत स्पष्ट कर दिया गया है.

कनाडा का खालिस्तानियों  के प्रति रुख
कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के बारे में उन्होंने कहा कि यह 'बेकार हैं लेकिन वैध' हैं. उन्होंने कहा कि यहां ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिन्हें हममें से बहुत से लोग नहीं देखना चाहते, लेकिन उन्हें भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है. ओटावा का 'भारत एक है' के बारे में घोषणा का उद्देश्य खालिस्तानियों के रुख पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करना था. इस टिप्पणी को भारत-कनाडा संबंधों को बेहतर करने के संकेतों की तरह देखा जा रहा है.  


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कनाडा भारत की तरफ बढ़ा रहा हाथ
आपको बता दें भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव के बाद जब तीसरी बार कमान मिली. तब से ही कनाडा भारत के साथ रिश्ते ठीक करने की ओर हाथ बढ़ा रहा है. पिछले साल भारत ने ट्रूडो के आरोपों को 'बेतुका' बताकर खारिज कर दिया था और कनाडा के खालिस्तान समर्थक सिखों का केंद्र बनने पर चिंता व्यक्त की थी. कनाडा ने भारत की इस चिंता को स्वीकार नहीं किया था. इसके बजाय ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा हमेशा 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता... विवेक और शांतिपूर्ण विरोध' की रक्षा करेगा. 

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