Afghanistan Gurdwara Attack: काबुल गुरुद्वारा हमले में पकड़े गए IS आतंकी खोलेगें साजिश की पूरी कहानी 

Written By रवींद्र सिंह रॉबिन | Updated: Jun 26, 2022, 10:56 AM IST

काबुल गुरुद्वारा अटैक के बाद दहशत में अफगान सिख

Kabul Gurdwara Attack: काबुल गुरुद्वारा पर हमले में ISIS के 3 आतंकी गिरफ्तार हुए हैं. इन आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद उम्मीद की जा रही है कि हमले के पीछे की साजिश पर से राज़ उठेगा. पढ़ें खास रिपोर्ट...

डीएनए हिंदी: तालिबान के लड़ाकों ने 3 आईएस (खोरासन) आतंकियों को गिरफ्तार किया है. उम्मीद है कि इनके जरिए साजिश के राज़ से पर्दा उठेगा. तीनों गुरुद्वारा करत-ए-परवान पर हमले की साजिश में शामिल थे. 18 जून को हुए इस हमले में एक सिख श्रद्धालु के साथ एक मुस्लिम गार्ड की मौत हुई थी जबकि एक अन्य सिख श्रद्धालु बुरी तरह जख्मी हो गए थे. 

तालिबानी लड़ाकों के पार्टी नेता शेर अब्दुल हकीम ने कहा, 'हमने गुरुद्वारा पर हमले में शामिल 4 आतंकियों को मार गिराने में सफलता पाई है और तीन हमलावरों को अरेस्ट किया है. फिलहाल तीनों घायल हैं और इन्हें इंटेलिजेंस ने अपनी मेडिकल कस्टडी में रखा है.' हकीम के नेतृत्व में ही लड़ाकों ने आतंकियों पर हमले की रणनीति बनाई थी और 4 आतंकियों को ढेर भी किया था.

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जोगिंदर सिंह सलारिया दुबई में एक एनजीओ पीटीसी ह्युमैनिटी चलाते हैं और फिलहाल अफगानिस्तान में हैं. सलारिया अफगानिस्तान में अफगानी सिखों, हिंदुओं और काबुल के प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं. तालिबान मंत्रालय ने हमारे सहयोगी चैनल ज़ी न्यूज को बताया कि शेर अब्दुल हाकिल ने जानकारी दी है कि उनकी कोशिश सभी जिंदा आतंकियों को पकड़ने की है ताकि गुरुद्वारा पर हमले के साजिशकर्ताओं की पूरी प्लानिंग को शुरुआत से अंत तक समझा जा सके. सलारिया कहते हैं, 'उन्हें (जांच टीम) को उम्मीद है कि पकड़े गए 3 आतंकियों से वह काफी मालूमात हासिल कर पाएंगे.'

तालिबान लड़ाकों के लीडर ने बताया कि सिखों और हिंदुओं के धर्मस्थलों के आस-पास पर्याप्त सुरक्षा तैनात की गई है. साथ ही उनके रहने के ठिकानों को भी सुरक्षित किया जा रहा है, ताकि उनका भरोसा फिर से जीता जा सके. 

शेर अब्दुल हाकिम ने कहा, 'आतंकियों के निशाने पर सिर्फ अल्पसंख्यक सिख और हिंदू ही नहीं हैं. आतंकियों ने कई मस्जिदों को भी निशाना बनाया था. पिछसे 2 महीने में 8 से ज्यादा मस्जिदों पर हमले किए गए थे और इन हमलों में घायल होने वाले सभी 250 लोग मुस्लिम ही थी.'

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सलारिया ने बताया कि काबुल प्रशासन ने उनके धर्मार्थ काम की तारीफ की है और इसके लिए उन्हें सम्मानित करने के लिए खास तौर पर एक सर्टिफिकेट भी दिया है. उन्होंने बताया कि शनिवार को उनकी मुलाकात काबुल अफगानिस्तान पुलिस के चीफ कमांडर मुल्ला वली जान हमजा से हुई है. उन्होंने अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक सिखों और हिंदुओं की सुरक्षा उनकी संपत्ति और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा का मुद्दा गंभीरता से उठाया है.  

काबुल पुलिस की ओर से सलारियो को जारी सर्टिफिकेट में लिखा गया है, 'रिकॉर्ड के तौर पर हम पीसीटी ह्यूमैनिटी ऑर्गनाइजेशन के कामों की सराहना करते हैं और उनकी तारीफ करते हैं. काबुल में सिख और हिंदू समुदाय से मिलने और उनके लिए काबुल पुलिस के सहयोग से जो भी काम उन्होंने किया है. भविष्य में भी हम आपके और आपकी संस्था के साथ काम करने की उम्मीद करते हैं. अफगानिस्तान सरकार को आपका स्वागत करने में हमेशा खुशी होगी और हम इसके लिए सदैव आपकी सराहना करेंगे.'

(लेखक रवींद्र सिंह रॉबिन वरिष्ठ पत्रकार हैं. यह जी मीडिया से जुड़े हैं. राजनीतिक विषयों पर यह विचार रखते हैं.)  

(यहां प्रकाशित विचार लेखक के नितांत निजी विचार हैं. यह आवश्यक नहीं कि डीएनए हिन्दी इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे और आपत्ति के लिए केवल लेखक ज़िम्मेदार है.)