India US Relation: हाल ही में अमेरिका के वरिष्ठ राजनयिक रिचर्ड वर्मा ने कहा कि भारत और अमेरिका के बढ़ते संबंधों से चीन और रूस चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को इस सदी का निर्णायक संबंध बताया है. यह साझेदारी समावेशिता, शांति और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देता है. वर्मा ने इस संबंध को वैश्विक शांति और कानून के शासन के लिए एक आदर्श बताया. साथ ही उन्होंने आगामी Quad नेताओं के सम्मेलन की अहमियत पर भी जोर दिया, जिसकी मेज़बानी अमेरिका करेगा.
चीन और रूस की चिंता के कारण
हडसन इंस्टीट्यूट में एक सत्र के दौरान रिचर्ड वर्मा ने कहा कि चीन और रूस भारत-अमेरिका के बढ़ते संबंधों से इसलिए चिंतित हैं क्योंकि यह साझेदारी ऐसी जीवन शैली और मूल्यों को पेश करती है जो समावेशिता, शांति और कानून के शासन को महत्व देती है. वर्मा ने कहा, चीन और रूस परेशान हैं क्योंकि हम एक ऐसा साझेदार बन रहे हैं जो विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और समाज में विभिन्न विचारों को प्रोत्साहित करता है. हमारे समाज में हर व्यक्ति की आवाज़ सुनी जाती है, जो एक मजबूत लोकतंत्र की निशानी है. वर्मा के अनुसार, भारत और अमेरिका के संबंध केवल आर्थिक या रक्षा के क्षेत्र तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह साझेदारी उन मूल्यों को बढ़ावा देती है जो लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा करते हैं.
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आपको बता दें कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 21 से 23 सितंबर 2024 तक अमेरिका की दौरे पर होंगे. इस यात्रा के दौरान, वे 21 सितंबर को डेलावेयर के विलमिंगटन में आयोजित चौथे क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसकी मेजबानी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन कर रहे हैं. अमेरिका की ओर से इस वर्ष क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के अनुरोध के बाद, भारत 2025 में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.
क्वाड शिखर सम्मेलन की मेज़बानी
रिचर्ड वर्मा ने जानकारी दी कि अगले साल भारत क्वाड शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा. हालांकि, इस साल की शुरुआत में इसका आयोजन भारत में होना था, लेकिन बाद में इसकी मेजबानी अमेरिका को दी गई. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल ही में घोषणा की है कि वह अपने डेलवेयर स्थित घर में अगले सप्ताह क्वाड नेताओं का चौथा शिखर सम्मेलन आयोजित करेंगे. क्वाड समूह में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए काम करता है. वर्मा के अनुसार, इस सम्मेलन के माध्यम से भारत-अमेरिका संबंध और भी मजबूत होंगे और वैश्विक मंच पर उनकी साझेदारी का एक नया अध्याय शुरू होगा.
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