डीएनए हिंदी: तुर्की और सीरिया सोमवार को एक बार फिर भूकंप के कारण दहल गए. सोमवार शाम को आए भूकंप को रिक्टर स्केल पर करीब 4.4 मैग्नीट्यूड का आंका गया, जिसका केंद्र सीरिया बॉर्डर के पास तुर्की की सीमा में सतह से करीब 11.7 किलोमीटर नीचे रहा है. दुनिया भर के भूकंपों पर नजर रखने वाली अमेरिकी सरकार की एजेंसी की वेबसाइट earthquake.usgs.gov के मुताबिक, तुर्की के समय के हिसाब से सोमवार को दोपहर 11.59 बजे (भारतीय समयानुसार शाम करीब 5.29 बजे) आए भूकंप का केंद्र सीमावर्ती शहर असगाई काराफाकाली से करीब 9 किलोमीटर उत्तरपूर्व में था. हालांकि भूकंप के कारण किसी तरह के खास नुकसान की तत्काल जानकारी नहीं मिल सकी है. भूकंप का केंद्र नुरदागी शहर और गाजियानटेप के बीच में है, जो 6 फरवरी को आए भूकंप में खासी तबाही का शिकार हुए हैं.
नुरदागी के करीब एक और भूकंप की सूचना
एक अन्य स्वतंत्र एजेंसी EMSC ने भारतीय समयानुसार सोमवार रात 10.25 बजे (तुर्की के स्थानीय समयानुसार शाम 7.41 बजे) एक और भूकंप आने की जानकारी दी है. EMSC के मुताबिक, इस भूकंप का केंद्र नुरदागी शहर से 34 किलोमीटर उत्तरपूर्व में था, जिसे रिक्टर स्केल पर 3.4 मैग्नीट्यूड का दर्ज किया गया है. उधर, USGS के मुताबिक, रविवार को भी तुर्की में 11 भूकंप आए थे, जिनमें से सभी की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 से 4.9 मैग्नीट्यूड के बीच दर्ज की गई थी.
भारतीय सेना के अस्पताल में आई दरारें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन भूकंप की चपेट में भारतीय सेना का राहत दल भी आ गया है. भारतीय सेना नुरदागी शहर की जिस बिल्डिंग में भूकंप पीड़ितों के लिए अस्पताल का संचालन कर रही है, उसकी दीवारों में भी नए भूकंपों के बाद दरारें पड़ गई हैं. भारतीय राहत दल के जवान खुद भी बिल्डिंग की बजाय टेंट में रह रहे हैं. लोगों से भी कंक्रीट वाली बिल्डिंग्स के बजाय खुले स्थानों पर कैंपों में रहने की अपील की गई है.
6 फरवरी को आए भूकंप की मृतक संख्या 35,000 के पार
तुर्की और सीरिया पिछले सोमवार को आए भूकंप के झटकों से अब तक उबरे नहीं हैं. 6 फरवरी को आए भयानक भूकंप के करीब एक सप्ताह बाद भी चल रहे बचाव अभियान में जहां हजारों लोगों को जिंदा मलबे से निकाला जा चुका है, वहीं सोमवार शाम तक मरने वालों की संख्या 35,000 के पार पहुंच चुकी थी. रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में मरने वालों की संख्या 37,000 से ज्यादा होने का दावा किया है. हालांकि बचाव अभियान अब भी जारी है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.