डीएनए हिंदी: तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए 7.8 मैग्नीट्यूड के भूकंप ने हजारों मकान मलबे के ढेर में बदल दिए. भूकंप के कारण ध्वस्त हुई बिल्डिंगों में 5,000 से ज्यादा लोगों के मौत का शिकार हो जाने का अनुमान है. दोनों ही देशों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. मलबे के ढेर से लाशें निकाली जा रही हैं. मलबे का हर टुकड़ा हटते समय किसी के अंदर जिंदा फंसा मिलने की आस जगती है, लेकिन मलबा हटते ही टूट जाती है. हालांकि इस टूटती आस के बीच मलबे में कुछ भाग्यशाली भी मिल रहे हैं, जिन्होंने भूकंप में अपना सबकुछ खो दिया है, लेकिन खुद चमत्कारिक तरीके से जिंदा बच गए हैं. हर तरफ कहीं मां को पुकारती रोती आंखें दिख रही हैं तो कहीं मलबे से निकली लाशों के ढेर. सोशल मीडिया पर रेस्क्यू ऑपरेशंस के ढेर सारे वीडियो और फोटो शेयर हो रहे हैं, जिन्हें देखकर आपकी आंखों में भी पानी आ सकता है.
मलबे के बीच फंसी महिला ने मरने से पहले जन्मा बच्चा, जिंदा बचा
सीरिया के सबसे बड़े शहर अलेप्पो से एक दिल दहला देने वाला वीडियो भी सामने आया है. वीडियो पोस्ट करने वाले ट्विटर यूजर ने दावा किया है कि भूकंप के बाद मलबे में फंसी गर्भवती महिला ने बच्चे को जन्म दिया. रेस्क्यू टीम ने जबरदस्त प्रयास करते हुए मलबा हटाकर उस तक पहुंचने की राह बनाई, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही महिला का निधन हो गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, डिलीवरी के बाद मलबे में कहीं नीचे गिर गए उस महिला के नवजात बच्चे को तलाशने के बाद जिंदा रेस्क्यू कर लिया गया है. लोगों ने कहा, यह रेस्क्यू मौत पर जिंदगी की जीत को दिखा रहा है.
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'मेरी मां कहां है' 18 महीने की बच्ची की आंखें पूछ रही सवाल
सीरिया के एजाज शहर में मलबे में जिंदगी तलाश रही बचावकर्ताओं की आंखें तब खुशी से छलक गईं, जब महज 18 महीने की राघद इस्माइल अपने घर के मलबे के अंदर जिंदा मिली. हालांकि उसकी गर्भवती मां और दोनों बहनें इतनी भाग्यशाली नहीं थीं और मलबे के नीचे दबकर उनकी मौत हो गई. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रेस्क्यू वर्कर्स सोमवार शाम को मलबे के अंदर दबी इस्माइल को बांहों में थामकर जब बाहर निकले तो सभी खुश हो गए. उसे एक गद्दे पर कंबल में बैठाकर रोटी का टुकड़ा खाने को दिया गया. साथ ही ठंड से बचाने के लिए हीटर की भी व्यवस्था की गई, लेकिन उसकी आंखें हर किसी से यह सवाल करती दिखा दी कि 'मेरी मां कहां है'?
नवजात बेटे की मौत देखकर बिलख उठा पिता
इंटरनेट पर वायरल हो रहे एक वीडियो को देखकर आपकी आंखों से आंसू बह सकते हैं. यह वीडियो सीरिया के अलेप्पो शहर का बताया जा रहा है, जिसमें एक व्यक्ति एक नवजात बच्चे के शव को छाती से लगाकर बुरी तरह बिलखता हुआ दिखाई दे रहा है. वीडियो के मुताबिक, यह शव उस वयक्ति के बच्चे का है, जिसकी मौत भूकंप के दौरान हो गई. बच्चे के शव को कंबल में लपेटकर अपनी छाती से लगाए रो रहे इस व्यक्ति को वीडियो में बाकी लोग शांत करने का प्रयास करते दिख रहे हैं.
'मुझे और मेरी बहन को बचा लीजिए, मैं आपकी गुलाम बन जाऊंगी सर'
सोशल मीडिया पर एक पत्रकार जुहैर अलमोसा ने आंखों में आंसू ला देने वाला वीडियो शेयर किया है. एक बच्ची और उसकी छोटी बहन छत गिरने के कारण मलबे के नीचे बुरी तरह दबे दिख रहे हैं. जब रेस्क्यू टीम उन तक पहुंची तो बड़ी बच्ची ने कहा, मुझे और मेरी बहन को इस मलबे से निकाल लीजिए सर, मैं आपकी गुलाम बन जाऊंगी.
'जाको राखे साइयां मार सके ना कोय' का भी दिखा उदाहरण
बचाव अभियान के दौरान कई ऐसे वाकये देखने को मिले हैं, जिन्हें देखकर बरबस ही आपको 'जाको राखे साइयां मार सके ना कोय' मुहावरा याद आ जाएगा. मिडिल ईस्टर्न इंस्टीट्यूट के सीरियन चैप्टर के डायरेक्टर चार्ल्स लिस्टर ने भूकंप की जानकारी को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट शेयर किए हैं. इनमें एक ट्वीट में उन्होंने सीरिया के विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों की दो फोटो पोस्ट की हैं, जिनमें दो बच्चों के बारे में बताया गया है, जो इतनी बुरी तरह ध्वस्त हो गई बिल्डिंग्स से रेस्क्यू ऑपरेशन में जिंदा मिले हैं, जिनके मलबे से किसी के जिंदा मिलने की संभावना महज 0.0001 फीसदी मानी जा रही थी. उन्होंने सीरिया के सालकिन शहर के एक बच्चे की फोटो शेयर की है, जो मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में ऊपरी फ्लोर की छत अपने ऊपर गिर जाने के कारण बिस्तर के गद्दे पर ही उसके नीचे दब गया था. इसके बावजूद वह जिंदा बच गया. फोटो में यह बच्चा मलबे के किनारे पर मलबे के बीच में फंसकर लटका हुआ दिख रहा है.
कैंपों में रह रहे शरणार्थियों को पहली बार लगा वे लकी हैं
एक अन्य ट्वीट में लिस्टर ने बताया कि सीरिया में करीब 28 लाख लोग गृहयुद्ध के कारण शरणार्थी होकर कैंपों में रह रहे हैं. उत्तर-पश्चिम सीरिया में मौजूद इन कैंपों में रहने वालों ने भूकंप के बाद की तबाही देखकर पहली बार खुद को भाग्यशाली माना है, क्योंकि भूकंप से कैंपों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
लिस्टर ने एक ट्वीट में सीरिया के हरेम शहर की फोटो पोस्ट की है. उन्होंने लिखा, 24 घंटे पहले यहां 5 फ्लोर वाली 25 अलग-अलग बिल्डिंग थी, लेकिन आज यह सब मलबे का ढेर है. यहां एक साथ 500 से 700 लोगों की मौत हुई है.
नन्हा बच्चा ब्रेड खाता हुआ तलाश रहा अपने मां-बाप
होम्स निवासी सीरियाई पत्रकार हादी अलाबदल्लाह ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें एक नन्हा बच्चा ब्रेड का टुकड़ा खाता हुआ अपने मां-बाप को तलाश रहा है, जो शायद भूकंप का शिकार हो गए हैं. इस बच्चे के हाथ के चारों तरफ पट्टियां लिपटी हुई हैं, जिनमें ग्लूकोज देने के लिए अरेंजमेंट किया गया है.
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